बीते सात महीनों से आत्मसंतुष्टि नामक स्वयंसेवकों की टीम के सदस्य श्मशान को साफ कर वहां पर हरियाली प्रदान करने वाले पेड़ लगा रहे हैं। शहर के मेदार केतय्या के निवासी रेवण्णा बीते तीन सालों से जगह-जगह पर पेड़ लगाने का कार्य कर रहे हैं। श्मशान के हालात देख सफाई के प्रति अग्रसर हुए रेवण्णा को उनके साथियों का भी साथ मिला। रेवण्णा को इस सामाजिक कार्य में बीएच रामकृष्णा,श्रीनिवास, शेक्षावली, रघु, हनुमंत, मारुति, कृष्णा, बाबू, नागराज, प्रहलाद सहित कईयों ने मदद की । रेवण्णा व उसके साथियों ने सफाई के लिए हर रविवार सुबह ७ से ९ बजे तक समय निकाल कर कंटीली झाडिय़ों को काटकर जलाया।
बीते सप्ताह से पेड़ लगाने का कार्य चल रहा है। रेवण्णा का कहना है कि वे हर रविवार अपने साथियों के साथ मिलकर १५ पेड़ लगाते हैं व हर दूसरे दिन पेड़ों को सींचते हैं। रेवण्णा व उनकी टीम में शामिल सदस्य कहते हैं कि वे श्मशान को सुंदर उद्यान बनाना चाहते हैं।
भावगीते संजे कार्यक्रम में स्वरसरिता प्रवाहित
धारवाड़. डॉ. द.रा. बेंद्रे राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट के तत्वावधान में साधनकेरी स्थित बेंद्रे भवन में शुक्रवार शाम भावगीते संजे नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने गायक पंडित सिध्दरामय्या मठपति ने कई गीत प्रस्तुत किए। सिध्दरामय्या मठपति ने अंबिकातनयदत्त, सिद्दय्या पुराणिक, देवेंद्रकुमार हकारी तथा रंगराज वनदुर्ग विरचित गीतों की प्रस्तुति के जरिए स्वरसरिता प्रवाहित की। साथी कलाकार डॉ. अर्जुन वठार ने हार्मोनियम पर तथा अल्लमप्रभु कडकोल ने तबला पर साथ दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. डीएम हिरेमठ ने विचार व्यक्त किए। अंत में प्रकाश बालीकायी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य सचिव केएच चन्नूर, डॉ. राजप्पा दलवाई, प्रो. एजी सबरद, डॉ. संगमनाथ लोकापुर सहित कई उपस्थित थे।