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बैंगलोर

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार विपक्ष की साजिश

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार विपक्ष की साजिश, कानून मंत्री माधुस्वामी बोले, नागरिकता संशोधन कानून सभी संसदीय प्रक्रियाओं के पश्चात संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया कानून है। इसके बावजूद कांग्रेस तथा वामपंथी दल इस कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार करते हुए इस कानून के खिलाफ चल रहें प्रदर्शनों को हवा दे रहें है।

बैंगलोरDec 21, 2019 / 08:45 pm

Sanjay Kulkarni

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार विपक्ष की साजिश

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार विपक्ष की साजिश

बेंगलूरु.नागरिकता संशोधन कानून सभी संसदीय प्रक्रियाओं के पश्चात संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया कानून है। इसके बावजूद कांग्रेस तथा वामपंथी दल इस कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार करते हुए इस कानून के खिलाफ चल रहें प्रदर्शनों को हवा दे रहें है। कानून तथा संसदीय मामलों के मंत्री माधुस्वामी ने यह बात कही।
यहां शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय जगन्नाथ भवन में शनिवार को इस कानून को लेकर आयोजित राज्यस्तरीत कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में जब यह कानून संसद में पेश करने का प्रयास किया गया तब विपक्ष की आपत्ति के कारण इस विधेयक को सदन की ज्वाइंट सेलेक्ट समिति को भी भेजा गया था।अब यह कानून पारित किए जाने के पश्चात विपक्ष एक साजिश की तहत इस कानून को लेकर एक समुदाय विशेष को गुमराह कर रहा है।
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनी नहीं जा रही है।बल्कि पडोसी अफगानीस्तान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीडऩ के कारण हमारे देश में आएं शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा रही है। कांग्रेस ने इस मांग की गत 70 वर्षों से अनदेखी की थी।२अप्रेल वर्ष 195० में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु तथा लियाकत अली खान के बीच समझौते का भारत ने तो यथावत पालन किया लेकिन पाकिस्तान अपने वादे से मुकर गया था।इन तीनों देशों में अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी तथा जैन समुदाय की संख्या लगातार घटती जा रही है।
इन देशों से हमारे देश में शरण लेने के लिए पहुंचे इन सभी समुदायों के लोगों को इस कानून के तहत नागरिकता प्रदान की जा रही है। ऐसे लोगों की संख्या 30 हजार से अधिक नहीं है। इस कानून का देश के मुस्लिम समुदाय पर कोई असर नहीं पडनेवाला है। विपक्ष को भी इस वास्तवता का पता है लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने में माहिर कांग्रेस तथा वामपंथी इस कानून की आड में एक समुदाय को भ्रमित कर रहें है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में राज्यसभा में कांग्रेस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने यही मामला उठाते हुए सदन में इन शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने की मांग रखी थी। आज भाजपा सरकार ने यह मांग पूरी करने के बाद कांग्रेस को इस कानून पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस तथा विपक्ष के नेता इन तत्थों की अनदेखी कर इस कानून के आड में देश में अपने राजनीतिक भविष्य को तलाश रहें है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास इस कानून का विरोध करने के लिए कोई तर्क नहीं है।पूरे देश में इस कानून के विरोध प्रदर्शन की आगवानी कर रहें विपक्ष को यह स्पष्ट करना होगा की आखिकार क्या वह यह चाहता है कि देश में घुसनेवाले हर घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दी जाए? यह देश की सुरक्षा तथा संप्रभुता से जुडा हुआ मामला होने के कारण ऐसे संवेदनशील मामले को लेकर विपक्ष को ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए।

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