इनमें से अधिकांश वकील युवा हैं। किराए के मकान में रहने वाले कार्यालय चलाने के लिए किराए के दफ्तर का उपयोग करने वाले वकीलों की दशा दयनीय हो चली है। कईयों के पास किराए के पैसे भी नहीं है।
वकीलों के हित की रक्षा के लिए भारत वकील परिषद की ओर से आर्थिक तंगी से जूझ रहे वकीलों की मदद के लिए कर्नाटक वकील परिषद को 40 लाख की राशि दी गई है।
कर्नाटक राज्य वकील परिषद ने भी आर्थिक संकट से जूझ रहे वकीलों की मदद के लिए कोरोना राहत निधि स्थापित कर आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे उपयुक्त वकीलों की मदद के लिए 5000 रूपए जारी किये।
महिला वकीलों की मदद करने के लिए आर्थिक मदद चाहने वाली गरीब महिला वकीलों से भी आवेदन आमंत्रित किए गए। कर्नाटक वकील परिषद की ओर से वकील कल्याण निधि स्थापित की गई है। इसके लिए वकीलों से वार्षिक सदस्यता शुल्क स्वीकार किया जाता है। वकील की असामयिक मृत्यु होने पर यह राशि उनके परिवार वालों को आर्थिक मदद के तौर पर दी जाती है। वकील के बीमार पडऩे पर भी यह शुल्क काम आता है।
वकीलों से वोट पाने वाले आज वकीलों को नजर अंदाज कर रहे हैं। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे वकीलों की मदद के लिए 100 करोड़ रूपए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने की मांग कर्नाटक राज्य वकील परिषद की ओर से की गई है।