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बैंगलोर

नोटबंदी और जीएसटी से पारदर्शी हुई अर्थव्यवस्था: सीतारमण

कर को बोझ नहीं, राष्ट्र निर्माण में योगदान समझें

बैंगलोरOct 05, 2019 / 08:39 pm

Rajeev Mishra

नोटबंदी और जीएसटी से पारदर्शी हुई अर्थव्यवस्था: सीतारमण

नोटबंदी और जीएसटी से पारदर्शी हुई अर्थव्यवस्था: सीतारमण

बेंगलूरु. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जिससे देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आई है।
धारवाड़ में राष्ट्रीय करदाता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि करदाताओं में जागरुकता लाने की जरूरत है कि वे कर को बोझ नहीं बल्कि देश के निर्माण में योगदान समझें। उनका यह योगदान जरूरतमंद एवं गरीब परिवारों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने एवं जलवायु परिवर्तन से लडऩे के लिए होता है। अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से पैसे के स्रोत का पता लगाना सहज हुआ है तो दोहरे काराधान अथवा अतिव्यापी काराधान से बचने में मदद मिली है। उन्होंने करदाताओं का आह्वान किया कि देश की आर्थिक आजादी के लिए अपना योगदान दें। आयकर और संपत्तियों की इमानदारी से घोषणा करें। करदाताओं को दायरा जितना बढ़ेगा व्यक्तिगत बोझ उतना ही कम होगा।
सीतारमण का विरोध करने वाली 60 महिलाओं को लिया हिरासत में
उधर, बाढ़ प्रभावितों के लिए कथित अपर्याप्त राहत कोष जारी करने के खिलाफ महिलाओं ने वित्त मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने 60 प्रदर्शनकारी महिलाओं को हिरासत में लिया। कांग्रेस की ये महिला कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारी सचिव दीपा गौरी के नेतृत्व में हुब्बल्ली हवाई अड्डे के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं। प्रदर्शनकारी महिलाएं हाथों में तख्तियां लिए सीतारमण के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए पर्याप्त धनराशि जारी नहीं की है। गौरतलब है कि बाढ़ राहत कोष जारी करने में देरी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ के तहत 1200 करोड़ रुपए अंतरिम राहत राशि की घोषणा की है।
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