पहले गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार के आय की सीमा ३२ हजार रुपए तय की थी। अब इसकी सीमा १.२० लाख रुपए की गई है। उन्होंने कहा कि आवासीय निगम से कच्चा-पक्का योजना के तहत आवासों की मरम्मत के लिए १५ हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना से लाभान्वितों को आवास की सुविधा नहीं दी जाती थी। मगर आवासीय बोर्ड की कार्यकारी बैठक में इन परिवारों को आवास योजना का लाभ उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। साल १९९४ से साल १९९७ तक आश्रय आवासीय योजना लाभ पाने वालों को नए आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। उस समय २५ हजार रुपए की सब्सिडी दी जाती थी। आश्रय योजना के तहत निर्मित सभी आवास अब खस्ता हालत में हंै।
आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थियों को नए आवास निर्मित कर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी आवास निगम के तहत अभी तक ४० लाख मकान निर्मित किए गए हंै। इसका विवरण बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। किसी को कोई समस्या या शिकायत है तो वह हेल्प लाइन पर शिकायत कर सकता है।
उन्होंने कहा कि सिद्धरामय्या सरकार की अवधि में १५ लाख आवास निर्मित करने का लक्ष्य था, जिनमें से १४.४० लाख आवास निर्मित किए गए। नई सरकार ने २० लाख आवास निर्मित करने की योजना बनाई है। इस वर्ष चार लाख आवास निर्मित करने का फैसला लिया है।
बाढ़ प्रभावितों के लिए २ योजनाएं
खादर ने कहा कि कोडुगू में बाढ़ प्रभावित लोगों को दो प्रकार की योजनाएं तैयार की गई हंै। एक योजना में स्थाई रूप से मकान निर्मित करना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने ४२ एकड़ भूूम की निशानदेही की है। अगर किसी के पास भूमि है तो वहां मकान निर्मित कर दिया जाएगा। दूसरी योजना में प्रभावित लोगों को अस्थायी शेड निर्मित करके देने का फैसला लिया है। शेड में रहने वाले लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अगर प्रभावित लोगों ने किराए के मकान या रिश्तेदारों के घरों में रहना पसन्द किया तो सरकार एक साल तक किराया को भुगतान करेगी, इसके लिए प्रति माह ४,३०० रुपए दिए जाएंगे।