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बैंगलोर

साहित्यकार चंद्रशेखर कम्बार ने की मांग, सम्मेलन में हो महादयी पर चर्चा

अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन के सर्वाध्यक्ष एवं साहित्यकार चंद्रशेखर कम्बार ने मांग की है कि धारवाड़ में शुक्रवार से आयोजित अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में महदायी पर चर्चा होनी ही चाहिए।

बैंगलोरJan 04, 2019 / 11:52 pm

शंकर शर्मा

साहित्यकार चंद्रशेखर कम्बार ने की मांग, सम्मेलन में हो महादयी पर चर्चा

साहित्यकार चंद्रशेखर कम्बार ने की मांग, सम्मेलन में हो महादयी पर चर्चा

हुब्बल्ली. अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन के सर्वाध्यक्ष एवं साहित्यकार चंद्रशेखर कम्बार ने मांग की है कि धारवाड़ में शुक्रवार से आयोजित अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में महदायी पर चर्चा होनी ही चाहिए। साहित्य सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को हुब्बल्ली हवाई अड्डा पहुंचे चंद्रशेखर कम्बार पे पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कलसा-बंडूरी योजना के क्रियान्वयन के बारे भी चर्चा होनी ही चाहिए।

इसके अलावा सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम विषय अनिवार्य करने के बारे में चर्चा की जाएगी। प्रांत की जमीन, जल एवं भाषा की रक्षा के लिए सम्मेलन मंच होना चाहिए। इस भाग की समस्याओं के बारे में चर्चा होनी चाहिए। धारवाड़ में कन्नड़ साहित्य सम्मेलन होने से एक ओर खुशी हो रही है तो वहीं प्रो. एमएम कलबुर्गी तथा गिरड्डी गोविंदराज जैसे मित्रों को खोने का गम भी है।

इस बार के साहित्य सम्मेलन में संस्कृति, भाषा तथा सीमाओं के बारे में प्रमुख चर्चा होनी चाहिए। खासतौर पर उत्तर कर्नाटक के किसानों की समस्याओं के बारे में गम्भीर चर्चा होनी चाहिए। जिलाधिकारी दीपा चोळन, कसाप जिलाध्यक्ष डॉ. लिंगराज अंगडी, पुलिस आयुक्त एमएन नागराज ने डॉ. कम्बार का स्वागत किया।

जारी करें सरोजिनी महिषी आयोग की संशोधित रिपोर्ट
हुब्बल्ली. कदंब सेना के प्रदेशाध्यक्ष बेक्री रमेश ने मांग की है कि कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में डॉ. सरोजिनी महिषी संशोधित रिपोर्ट जारी करने तथा सरकारी स्कूलों में समान शिक्षा लागू करने का फैसला लेना चाहिए।


उन्होंने गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले कई दशकों से डॉ. सरोजिनी महिषी रिपोर्ट लागू नहीं हुई है। इससे बहुत सारे कन्नडिग़ा रोजगार से वंचित हो रहे हैं। सरोजिनी महिषी संशोधित रिपोर्ट लागू करने से निजी स्वामित्व के उद्योग, संस्थाओं में कन्नडिग़ाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। इसके चलते सम्मेलन में इस महत्वपूर्ण फैसले को लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम आरम्भ करने को सरकार आगे आई है।


इस बारे में साहित्य परिषद अध्यक्ष मनु बलिगार ने अंग्रेजी मीडियन के खिलाफ गोकाक आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है परन्तु निजी स्कूलों के बारे में मौन धारण कर उग्र आंदोलन करने का बयान देने वाले मनु बलिगार का बयान संदेहास्पद है। इसके चलते समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का फैसला लेना चाहिए।

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