पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.शिवन ने कहा कि गहन चिकित्सकीय और मानसिक परीक्षण के बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों को 15 माह के प्रशिक्षण पर रवाना किया गया है। गगनयान मिशन प्रगति पर है। इस मिशन को लांच करने वाले प्रक्षेपण यान तथा अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले कू्र मॉड्यूल की डिजाइनिंग एवं इंजीनियरिंग का काम पूरा किया जा चुका है। जल्द ही परीक्षणों की एक श्रृंखला शुरू होगी और इस साल के अंत तक पहला मानव रहित मिशन लांच कर दिया जाएगा। मानव रहित मिशन के तहत महिला रोबोट व्योममित्र को भेजे जाने की योजना है।
गौरतलब है कि गगनयान मिशन के लिए 60 में से वायुसेना के 12 टेस्ट पायलटों का चयन किया गया था जो लेवल-1 स्क्रीनिंग में योग्य पाए गए। उन 12 में से फिर चार पायलटों का अंतिम रूप से चयन किया गया और उन्हें 15 माह के गहन प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना किया गया है। बेंगलूरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आइएएम) ने वायुसेना के 60 में से 12 पायलटों का चयन किया था। इसके बाद रूस की कंपनी रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस की अनुषंगी इकाई ग्लावकोस्मॉस ने अंतिम रूप से चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया। यहीं कंपनी इन अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण देगी। मिशन के तहत वर्ष 2022 में तीन अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है।