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बैंगलोर

उत्सुकता का केन्द्र बना इंदिरा कैंटीन निर्माण कार्य

शहर के मिनी विधानसौधा परिसर में निर्माण की जा रही इंदिरा कैंटीन सिर्फ तीन दिन में बन कर पूर्ण हो गई।

बैंगलोरFeb 09, 2018 / 11:03 pm

शंकर शर्मा

 Indira Canteen Construction Works

धारवाड़. शहर के मिनी विधानसौधा परिसर में निर्माण की जा रही इंदिरा कैंटीन सिर्फ तीन दिन में बन कर पूर्ण हो गई। इसकी तकनीक आमजन में उत्सुकता का केन्द्र बनी हुई है।

इन्दिरा कैन्टीन की खासियत यह है कि इसमें प्रीकास्ट तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक में सभी बनी-बनाई चीजें पहले से ही तैयार थी जो तमिलनाडु के कृष्णगिरी स्थित फैक्टरी में तैयार करके यहां लाई गई थी। कैन्टीन की ही दीवारें, छत, फर्श तैयार करके वहां से लाए गए। यहां तक कि टेबल-कुर्सी, पानी की टंकी भी पूर्व निर्मित ही लाई गई है।


मात्र दिन में स्थापित हो गई इस कैन्टीन को लेकर लोगों में कौतूहल का भाव है। यहां के सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी तथा आमजन इस निर्माण को कौतूहल से देख रहे हैं। कैंटीन भवन निर्माण की तकनीक के बारे में केईएफ संस्था के रमेश पारेख ने बताया कि कि तमिलनाडु के कृष्णगिरी स्थित संस्था के फैक्टरी में भवन के हिस्से तैयार होते हैं। 40 गुना 40 फीट विस्तार के इस भवन निर्माण के लिए दो दिन मात्र काफी हैं। इसके लिए पांच मजदूर ही काफी हैं। 8 0 टन क्रेन की मदद से वृहद कंक्रीट स्लैब को खड़ा किया गया है।

बुनियादी निर्माण के लिए 18 वृहद स्लैबों का उपयोग किया गया है। इन स्लैब की मजबूती का नमूना इसके मोटे स्लैब हैं। इसमें 120 मि.मी. मोटी दीवारों को 15 स्लैबों का इस्तेमाल किया गया है। एक प्रमुख बीम है। 10 गुना 3 मीटर विस्तार के बड़ी तीन कंक्रीट की छत रखी गई है। इन सभी को इंटरलॉकिंग से जोड़ा गया है।


…टंकियां व टेबल लगाईं
पारेख ने बताया कि कैंटीन के उपयोग के लिए पानी संग्रह के लिए दो बड़ी टंकियों को वहीं पर निर्माण कर लाया गया है। बाहरी तथा अंदरूनी हिस्से में 12 प्रीकास्ट टेबल लगाए गए हैं। जुड़वां शहर में एसे ही 12 कैंटीनों का निर्माण हो रहा है। दो रसोई कमरों का निर्माण किया जाएगा। यहीं से सभी कैंटीनों को तैयार भोजन आपूर्ति किया जाएगा।


उन्होंने बताया कि निर्माण किए गए मकान जितनी ही मजबूत यह कैंटीन है। इसको पानी बहाने तथा क्यूरिंग करने की आवश्यकता नहीं होगी। मकान निर्माण में बरसों लगते हैं लेकिन ऐसा निर्माण मात्र कुछ ही दिन में हो जाता है।

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