पहले प्रवेश शुल्क से प्रति दिन 1 लाख 50 हजार रुपए तथा शनिवार और रविवार को 2.५० लाख रुपए मिलते थे। लेकिन अब यह महज 18-20 हजार रुपए पर सिमट चुका है। इस उद्यान के रखरखाव के लिए हर दिन करीब 50 हजार रुपए की आवश्यकता है।आय नहीं होने के कारण बिजली बिल, लगभग 180 एकड में फैले उद्यान की सफाई करने वाले 100 से अधिक सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान के लिए धन जुटाने में परेशानी हो रही है।
इस वर्ष 15 अगस्त को फल-फूल की प्रदर्शनी का आयोजन नहीं होने कारण भारी नुकसान हुआ है। प्रदर्शनी के दौरान लाल बाग को 2 करोड़ रुपए की आय होती थी। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण आयोजन नहीं होने से यह आय भी नहीं हुई है। लालबाग के प्रबंधन ने मौजूदा हालात देखते हुए राज्य सरकार से 15 करोड़ रुपए अनुदान जारी करने की मांग की है। इससे पहले राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया था।
बागवानी विभाग लालबाग के अलावा कब्बन पार्क तथा चिकबल्लापुर जिले में स्थित नंदी हिल का रखरखाव करता है। इसके लिए 15 करोड़ रुपए अनुदान का प्रस्ताव भेजा गया है।लाल बाग में प्रति दिन सुबह 5 हजार तथा शाम को 2 हजार लोग सैर सपाटे के लिए आते हैं लेकिन इनसे कोई आय नहीं होती। सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पर्यटकों से 30 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। वाहन पार्किंग शुल्क से होने वाली आय में भी 50 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है।