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बैंगलोर

महेश का इस्तीफा : कांग्रेस के साथ रिश्तों में खटास का असर !

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं होने के बाद से ही बसपा के सरकार से बाहर होने की चर्चा थी

बैंगलोरOct 12, 2018 / 07:02 pm

Ram Naresh Gautam

karnataka government

महेश का इस्तीफा : कांग्रेस के साथ रिश्तों में खटास का असर !

बेंगलूरु. बसपा के इकलौते मंत्री एन. महेश के इस्तीफे के कारणों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर जारी है। माना जा रहा है कि बसपा के अगले लोकसभा चुनाव से पहले प्रस्तावित राष्ट्रीय गठबंधन से बाहर होने के बसपा के फैसले के कारण महेश ने इस्तीफा दिया है। बसपा और कांग्रेस के बीच अगले महीने होने वाले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं होने के बाद से ही पिछले एक सप्ताह से राज्य में भी बसपा के सरकार से बाहर होने की चर्चा थी।
महेश का इस्तीफा पार्टी प्रमुख मायावती के कांग्रेस के साथ राजस्थान व मध्य प्रदेश में गठजोड़ की संभावना को खारिज करने के एक सप्ताह बाद आया है। हालांकि, महेश ने कहा कि उनके इस्तीफे का कांग्रेस और बसपा के बीच चल रहे गतिरोध से कोई संबंध नहीं है। उधर यह चर्चा भी है कि महेश के अपनी जीत के कारण राज्य में बसपा का खाता खुलने वाले बयान को लेकर पार्टी प्रमुख नाराज थीं। उन्होंने कुछ दिन पहले कुमारस्वामी को महेश को मंत्रिमंडल से हटाने के लिए कहा था लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने महेश को इस्तीफा देने के लिए कहा।
एक अन्य चर्चा में कहा जा रहा है कि महेश ने एक साथ मंत्री के साथ हुए विवाद के कारण इस्तीफा दिया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में महेश और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पुट्टरंग शेट्टी के बीच कई बार बयानों की जंग हुई है। दोनों ही चामराजनगर से हैं लेकिन दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयान देते रहे हैं।
शेट्टी ने कांग्रेस के खिलाफ महेश के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कहा था कि अगर कांग्रेस चाहे तो उन्हें मंत्री पद से हटा सकती है। इस पर महेश ने कहा था कि शेट्टी उन्हें हटाने वाले कौन होते हैं। उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अथवा बसपा प्रमुख ही हटा सकते हैं। हालांकि, गुरुवार को महेश ने कहा कि वे सरकार में शामिल किसी व्यक्ति से नाराज नहीं हैं और मंत्री के तौर पर अपने कामकाज से संतुष्ट हैं।
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