scriptमां-बाप संसार में भगवान का रूप है- साध्वी सुप्रिया | Parents are the form of God in the world - Sadhvi Supriya | Patrika News
बैंगलोर

मां-बाप संसार में भगवान का रूप है- साध्वी सुप्रिया

धर्मसभा का आयोजन

बैंगलोरJul 26, 2021 / 08:38 am

Yogesh Sharma

मां-बाप संसार में भगवान का रूप है- साध्वी सुप्रिया

मां-बाप संसार में भगवान का रूप है- साध्वी सुप्रिया

बेंगलूरु. राजाजीनगर स्थानक में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा कि संसार में सुख की प्राप्ति पुण्य से और दुख की प्राप्ति पापों से होती है। परमात्मा ने पुण्य बंध नौ प्रकार के और पाप बंध के अ_ारह प्रकार बताए हैं। नौ प्रकार के पुण्य बंध में प्रथम पांच प्रकार के पुण्य का बंध दान से ही होता है। अन्नदान, जलदान, वस्त्रदान, आसनदान और शयन दान। किसी भी व्यक्ति को प्रत्युपकार की भावना से रहित बनकर दान करने से पुण्य का बंध होता है। मन में शुभ भावों से मन, पुण्य, वचन के द्वारा अन्य को आत्महित की बातें तथा अच्छी सलाह देने से वचन पुण्य व काया के साथ सेवा करते हुए अपनी शक्ति का सदुपयोग करने से काया का पुण्य होता है।
साध्वी सुप्रिया ने कहा कि हमने परमात्मा को नहीं देखा, हमने भगवान को नहीं देखा, लेकिन हमने अपने माता-पिता को देखा है। हमारे माता-पिता इस संसार में हमारे लिए भगवान का ही रूप हंै। शास्त्रों में माता-पिता के लिए कहा जाता है, मातृ देवो भव, मां देवता के समान है। पितृ देवो भव, पिता देवता के समान है, आचार्य देवो भव, हमारे जो आचार्य हैं वह देवता के समान हैं और अतिथि देवो भव यानी अतिथि भी देवता समान हैं। इस के पूर्व साध्वी सुविधि ने मां के ममत्व की भजन सुनाया। संघ के महेंद्र धोका, सुमत सुराणा, सुरेशचंद मेहता, समरथलाल कोठारी, महिला एवं बहु मंडल से सायरबाई लोढ़ा, सरला दुग्गड़, नीतू लूंकड़, कांता बागरेचा, ममता बागरेचा, सुरेश छल्लाणी, रतनचंद सिंघी ,सुरेश समदडिय़ा, भीकमचंद मुणोत उपस्थित हुए। सभा का संचालन प्रकाश चाणोदिया ने किया। आभार अध्यक्ष भंवरीलाल चोरडिय़ा ने जताया।
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