जब तक देह स्वस्थ है धर्म आचरण कर लें- साध्वी भव्यगुणाश्री
जब तक देह स्वस्थ है धर्म आचरण कर लें- साध्वी भव्यगुणाश्री
बेंगलूरु. चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन श्वेेताम्बर चेरिटेबल ट्रस्ट महालक्ष्मी लेआउट जैन संघ में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि परमात्मा की वाणी हमें मैत्री-सभर हृदय से प्रेम भरी सलाह देते हुए फरमाते हैं कि हे भव्य आत्मन। जब तक तेरा देह स्वस्थ है, तब तक तू धर्म का आचरण कर ले। क्योंकि नीरोग अवस्था में ही कायिक धर्म का आचरण सम्भव है, जब तेरी काया किसी रोग से ग्रस्त हो जाएगी, उसके बाद तू धर्म का आचरण कैसे कर सकेगा। तप, त्याग और विरतिधर्म की साधना के लिए स्वस्थ देह की आवश्यकता रहती है,अत: यदि तू स्वस्थ है तो प्रमाद का त्याग कर और सद्धर्म की साधना के लिए प्रयत्नशील बन, क्योंकि किस समय यह देह रोगग्रस्त हो जाएगा, कुछ कह नहीं सकते हैं। अत: देह की स्वस्थता का गुमान न कर और उस देह के द्वारा जिनाज्ञा के पालन में प्रयत्नशील बन। इसी में तेरा सच्चा हित रहा हुआ है। हे मानव, तू प्रमाद का त्याग कर, सद्धर्म के आचरण में प्रयत्नशील बन जा। क्योंकि यह यौवन तो चार दिन की चांदनी की तरह अस्थायी है। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि आदिनाथ महापूजन प्रथम बार कराने का अवसर मिला। नरेश बंबोरी ने बताया कि शासनमाता चक्रेश्वरी देवी महापूजन का लाभ सरोजा बाई शांतिलाल डागा, आनंद कुमार, सुनीलकुमार, राजेन्द्र कुमार, संगीता, अर्चना, सीमा डागा परिवार ने लिया। अभिषेक का लाभ ललिता देवी, राजेन्द्र कुमार, साहिल कुमार तलेसरा मूथा परिवार ने लिया। शुक्रवार को माणिभद्र वीर के प्रागट्य दिवस पर माणिभद्र देव महापूजन गादिया परिवार की ओर से होगा।
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