उन्होंने कहा कि उत्तर कन्नड़ जिले में चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण के प्रबंधन की जिम्मेदारी केनरा आईएमए को दी गई है। चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण प्रबंधन की वर्तमान नीति से पूर्व में भी जिलाधिकारी ने नाखुशी जाहिर की थी।
उन्होंने जिला स्वास्थ्य अधिकारी व जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी जारी किए। जिलाधिकारी ने कहा कि कई अस्पताल व क्लीनिक ऐसे भी हैं, जिन्होंने चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण के लिए संस्थान में पंजीकरण नहीं करवाया उन्हें शुल्क जमा कर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करवाना होगा।
उन्होंने कहा कि अपशिष्ट का निस्तारण सही समय पर हो रहा है या नहीं इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से तीन महीने में एक बार आवश्यक रूप से जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा। साल में चार बार प्रबंधन से संबंधित पुष्टिकरण के आदेश संस्थान को दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि अपशिष्ट निस्तारण संस्थान के अधिकारियों को अस्पताल के पंजीकरण के बाद प्रशिक्षण देना चाहिए। बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.एन. अशोक कुमार, जिला शल्य चिकित्सक, डॉ. शिवानंद कुडकरकर सहित कई उपस्थित थे।