दवा स्थानीय PHC से ले कर आंगनबाड़ी केंद्र तक उपलब्ध होगी। जहां निर्धारित आयु वर्ग के बच्चे को दी जाएगी। कुशल कार्यान्वयन के लिए जिला एवं तालुक स्तर पर बाल स्वास्थ्य अधिकारियों को हर जानकारी के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो गया है। एक अनुमान के अनुसार देश भर के Hospitals में हर साल भर्ती होने वाले children में से 40 फीसदी बच्चे रोटा वायरस के शिकार होते हैं। देश में हर साल करीब 78 हजार बच्चों की रोटा वायरस के कारण मौत हो जाती है।