प्रदेश कांग्रेस में पदाधिकारियों की नियुक्ति करना हमेशा से अध्यक्षों के लिए एक चुनौती रहा है और यह आसान तो कतई नहीं रहा। हमेशा नया अध्यक्ष बनने के बाद पदाधिकारी बनने के लिए कई दावेदार सामने आते हैं। अलग अलग धड़ों के समर्थक होने के कारण संतुलित टीम बनाना हर अध्यक्ष के लिए दुश्कर काम रहा है।
इन्हीं सब कारणों के चलते डॉ.जी.परमेश्वर ने अध्यक्ष बनने के बाद 350 पदाधिकारी नियुक्त किए थे। लेकिन दिनेश गुंडूराव ने अध्यक्ष बनने के बाद इतनी बड़ी टीम को लेकर चलने के बजाय केवल 80 पदाधिकारियों की नियुक्ति की थी। उस वक्त परमेश्वर ने अपने समर्थकों को हटाने की शिकायत राहुल गांधी से की थी। अन्य नेताओं ने भी अपने समर्थकों को पदाधिकारी बनाने की मांग उठाई तो आखिरकार २०० पदाधिकारियों को नियुक्ति हुई थी।
पार्टी को कैडर बेस बनाने का फैसला अब शिवकुमार पार्टी ने कर्नाटक में पार्टी को कैडर बेस बनाने का फैसला किया है। पहले उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव के तौर पर अच्छा काम करने वालों बरकरार रखा जाएगा। पहले पचास फीसदी से अधिक पदाधिकारी केवल नेताओं के अनुयायियों और केवल विजिटिंग कार्ड के लिए पदाधिकारी बने थे।
शिवकुमार ने वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेकर केवल ईमानदार, मेहनती और युवा कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धरामय्या, मल्लिकार्जुन खरगे और बीके हरिप्रसाद अपने समर्थकों को पदाधिकारी बनाने का प्रयास कर रहे है।