अखिल भारतीय लोकतांत्रिक विद्यार्र्थी संगठन( एआइडीएसओ), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन (एआईडीवाईओ) तथा ऑल इंडिया महिला संस्कृतिक संगठन ने स्कूल-कॉलेज बंद का आह्वान किया था। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया व अन्य छात्र संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया। बंद के दौरान जहां कुछ कॉलेज पूरी तरह से बंद रहे वहीं अधिकतर स्कूलों में कामकाज सामान्य रूप से चला। शनिवार को आधे दिन की स्कूल रहने के कारण कुछ स्थानों पर विद्यार्थियों ने स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
राजधानी बेंगलूरु में महारानी कॉलेज, आर.सी. कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और शहर के टाऊन हाल के सामन बड़ी संख्या में एकत्रित होकर नि: शुल्क बस पास देने का वादा पूरा करने की सरकार से मांग की।
मैसूरु, बल्लारी, बेलगावी, हुब्बली-धारवाड़, गदग, बीदर,रायचूर, कलबुर्गी, मण्ड्या, मैसूरु, चिकबल्लापुर सहित प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों में भी विद्यार्थियों ने नि: शुल्क बस पास देने की मांग को लेकर कक्षाओं का बहिष्कार किया और विरोध मार्च निकाले। विद्यार्थी संगठनों के पदाधिकारियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए थे।
प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों की भीड़ को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय लोकतांत्रिक विद्यार्र्थी संगठन के प्रदेश सचिव अश्विनी ने कहा कि नई गठबंधन सरकार ने कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बजट में गोषित सभी कार्यक्रमों व योजनाओं को जारी रखा जाएगा। लेकिन हाल में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश किए गए नए बजट में इस बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है और ना ही इस बारे में कोई स्पष्ट निर्णय ही किया गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वादे से मुकरकर इस सरकार ने ग्रामीण क्षेेत्रों के उन विद्यार्थियों के साथ विश्वासघात किया है जो बढ़ती कीमतों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रख पाने में कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।