बैक्टीरिया ने दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है। शोध दल की प्रमुख व कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज की डॉ. ममता बल्लाल ने बताया कि दल ने हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से प्रभावित प्रदेश के नौ जिलों के 180 मरीजों के शरीर से कोशिकाएं एकत्रित की।
इनमें से 113 कोशिकाओं में से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी स्ट्रेन्स अलग करने में सफलता मिली। इन स्ट्रेन पर 5 आम एंटीबॉयोटिक के विश्लेषण से पता चला कि 84 फीसदी स्ट्रेन्स पर दो एंटीबॉयोटिक्स का असर नहीं हो रहा था।
जबकि 14 फीसदी स्ट्रेनों पर पांच एंटीबॉयोटिक्स पूरी तरह से बेअसर निकले। जबकि 59.3 फीसदी स्ट्रेन पर एक से ज्यादा एंटीबॉयोटिक का असर नहीं हुआ। डॉ. ममता ने बताया कि हेलिकोबैक्टर में दवा प्रतिरोध का पता लगाने के लिए रैपिड किट बनाने की योजना है। इससे चिकित्सक योजनाबद्ध और प्रभावी तरीके से उपचार और दवा का चुनाव कर सकेंगे।