तालुक के मरगुंडी ने गन्ने से भरे 300 से अधिक ट्रैक्टरों को चीनी मिलों में जाने से रोककर विरोध प्रदर्शित किया। इसके अलावा तालुक के संक्रटी दरूर, मलादाबाद, मसरगुप्पी में भी किसानों ने सैकड़ों वाहनों को चीनी मिलों में जाने से रोकने के साथ ही एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किए।
किसानों ने आरोप लगाया कि इस साल चीनी मिलों ने निष्पक्ष व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के अनुसार गन्ना खरीदने का भरोसा दिलाया है लेकिन इसके पीछे भी उनके साथ दगा किया जा रहा है।
चीनी मिलों ने ट्रैक्टर किराया व कटाई की लागत किसानों पर लादने की साजिश रची है। जिसके चलते किसानों के प्रति टन गन्ने की कीमत सिर्फ 2,200 रुपए ही प्राप्त होगी। तालुक रैयत संघ के अध्यक्ष महादेव मडिवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी वादे के मुताबिक बेलगावी आकर किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुलझानाएं क्योंकि चीनी मिलें उत्तर कर्नाटक में ज्यादा हैं।
बेलगावी जिले में 22, विजयपुर में 7 तथा बागलकोट जिले में 12 से अधिक चीनी मिलें हैं लिहाजा कुमारस्वामी को किसी भी राजनीतिक दबाव में आए बिना हमें बेंगलूरु बुलाने के बजाय बेलगावी आकर किसान संगठनों के साथ चर्चा करके समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
उन्होंने चेताया कि किसानों के हितों के साथ बार-बार खिलवाड़ किया गया तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा और किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी।