शिक्षकों का कहना है कि लॉजिस्टिक की कमी आड़े आएगी। शिक्षक इस असमंजस में हैं कि कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को अपना भोजन स्वयं लाने के लिए कहें या स्कूलों में भोजन की व्यवस्था की जाए। दक्षिण कन्नड़ जिले के एक सरकारी स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि वर्तमान में छठी से दसवीं कक्षा के बच्चे घर से भोजन ला रहे हैं। मैसूरु स्थित कई स्कूलों के शिक्षकों ने भी मिड-डे मील योजना को पुन: शुरू करने के लिए समय मांगा हैं। इनके अनुसार स्कूल का रसोई घर आवश्यक सामग्री विशेष रूप से किराने का सामान और रसोई गैस के अभाव में खाना बनाना शुरू करने के लिए अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।
कर्नाटक राज्य प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ की मैसूरु इकाई के महासचिव महेश एच.एस. ने बताया कि उन्होंने मध्याह्न भोजन को करीब एक सप्ताह के लिए स्थगित करने की मांग की है। इससे तैयारी करने में मदद मिलेगी। इस योजना से जुड़े कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण जरूरी है। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो अपनी दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अभी 84 दिन पूरे करने हैं।