उन्होंने कहा कि घाटी में पिछले तीन दशकों के दौरान करीब 50 हजार मंदिरों के बंद होने का दावा करते हुए रेड्डी ने कहा कि ऐसे सभी मंदिरों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के पांव पसारने के बाद न सिर्फ वहां से कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ बल्कि मंदिरों को भी निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ मंदिर नष्ट हो गए हैं और कई मंदिरों में मूर्तियां टूटी हुई हैं। ऐसे सभी मंदिरों का सर्वेक्षण कराकर उन्हें फिर से खोलने की योजना है।
अब घाटी बड़े बदलाव के लिए तैयार रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब घाटी बड़े बदलाव के लिए तैयार है। जम्मू कश्मीर का युवा वर्ग अब अपने सुनहरे भविष्य को साकार करने के लिए तैयार हैं। घाटी के जिन युवाओं के हाथों में पत्थर होते थे, वे हाथों में अब लैपटॉप थमाएंगे।