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बैंगलोर

तीन मंजिला इमारत धराशायी, दो साल पहले ही झुक गया था एक हिस्सा, फिर भी कमरे बनाए

68 साल पुराने मकान में किराए पर रह रहे थे रेल निगम लिमिडेट (बीएमआरसीएल) के श्रमिक। वे सुबह पांच बजे ही काम से लौटे थे। अन्य कमरों में सो रहे अन्य श्रमिकों को बाहर निकाला गया।
पहले से एहतियाती इंतजाम करने के कारण 22 श्रमिकों की जान बच गई।

बैंगलोरSep 28, 2021 / 07:33 pm

MAGAN DARMOLA

तीन मंजिला इमारत धराशायी, दो साल पहले ही झुक गया था एक हिस्सा, फिर भी कमरे बनाए

बेंगलूरु. विल्सन गार्डन के लक्कासंद्र में तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई। लेकिन, पहले से एहतियाती इंतजाम करने के कारण 22 श्रमिकों की जान बच गई। ये श्रमिक किराए पर रहते थे। पुलिस के अनुसार मकान 68 साल पहले निर्मित किया गया था। दो साल पहले ही इसका एक हिस्सा झुक गया था। फिर भी मकान मालिक सुरेश ने कई नए कमरे बनाकर किराये पर दे दिए थे। इन कमरों में बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिडेट (बीएमआरसीएल) के श्रमिक रहते थे। वे सुबह पांच बजे ही काम से लौटे थे। अन्य कमरों में सो रहे अन्य श्रमिकों को बाहर निकाला गया।

 

तीन मंजिला इमारत धराशायी, दो साल पहले ही झुक गया था एक हिस्सा, फिर भी कमरे बनाए

पालिका के संयुक्त आयुक्त वीरभद्रप्पा (दक्षिण) ने बताया कि मकान मिट्टी से बनाया गया था। मकान ढहाने के लिए सुरेश को नोटिस भेजा था। फिर भी उसने अवैध रूप से कमरे किराए पर दे रखे थे। मकान सुबह गिरने से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। अगर रात के समय मकान गिरता तो भारी जानी नुकसान होता। सुरेश फरार है और उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर रखा है। इस मकान के आस पास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है और दीवारों में दरारें पड़ गई हैं।

एनडीआरएफ भी घटना स्थल पहुंचा और अत्याधुनिक कैमरों का इस्तेमाल कर मलबे में फंसे लोगों को ढूंढा लेकिन कोई नहीं मिला। विल्सन गार्र्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

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