scriptपार्टी के रूप में सरकार चलाने की प्रवृत्ति घातक | trend of running a government in the form of a party is deadly. | Patrika News
बैंगलोर

पार्टी के रूप में सरकार चलाने की प्रवृत्ति घातक

अभिनेता प्रकाश रै ने कहा है कि जनता द्वारा बहुमत से चुनी गई मोदी सरकार अब सरकार होने के बजाय वहां भी पार्टी को ही प्रमुखता दे रही है।

बैंगलोरFeb 18, 2018 / 10:45 pm

शंकर शर्मा

 Prakash Raj

धारवाड़. निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता प्रकाश रै ने कहा है कि जनता द्वारा बहुमत से चुनी गई मोदी सरकार अब सरकार होने के बजाय वहां भी पार्टी को ही प्रमुखता दे रही है। केन्द्र की मोदी सरकार की यह प्रवृत्ति घातक है। वहां सरकार ही पार्टी बन कर अपने सिद्धांत लोगों पर थोपने लगी है। इस प्रवृत्ति की निंदा करना आज की आपात जरूरत है। रै धारवाड़ के कर्नाटक विद्यावर्धक संघ के सभा भवन में एआईडीवाईओ, एआईडीएसओ तथा आविष्कार संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15वें सांस्कृतिक जनोत्सव का उद्घाटन कर बोल रहे थे।

 


उन्होंने कहा कि व्यक्ति का चेहरा देखे बिना ही पार्टी चिह्न को वोट डालने के फलस्वरूप आज सत्ता आने वाले बहुसंख्यकों को नौकर की तरह बन कर तथा अल्पसंख्यक राजनीतिक नेता राजा की तरह दुव्र्यवहार कर रहे हैं। प्रश्न नहीं पूछने की व्यवस्था के तहत अकेला बना कर उनका शिकार किया जा रहा है। प्रामाणिकता से जीवन गुजारने वाले सब कुछ प्रश्न करने वाले का जीवन दुश्वार किया जा रहा है।


रै ने कहा कि देश की मौजूदा परिस्थितियों के सुधार के लिए किसी नेता या पार्टी की आवश्यकता नहीं है बल्कि जनता ही आगे बढ़ कर निर्भय होकर व्यवस्था के खिलाफ सवाल उठाने की आवश्यकता है। बिना डरे अपने विचारों को रखने की आज जरूरत है।


…किसान मजदूर क्यों हो रहे हैं
प्रकाश रै ने कहा कि आज किसान मजदूर क्यों बन रहे हैं इस बारे में सबको विचार करने की आवश्यकता है।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पकौड़ा बेचने को ही एक उद्योग कह रही है। टमाटर, प्याज तथा आलू मात्र उनके दिमाग में हैं, परंतु किसानों की समस्या उनकी समझ से बाहर हो गई है। कम अकल के ऐसे मोदी तथा अमित शाह हमारे देश में शासन करने योग्य नहीं हैं।


…प्रश्न पूछने की आदत डालें
उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩे वालों से कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। चुनाव में ना खड़े होकर ही परिवर्तन लाने वाले महात्मा गांधी, डॉ. अम्बेडकर, पेरियार जैसे दार्शनिकों की आज जरूरत है। मॉल, ओवरब्रिज बांधने में दिखने वाली इच्छाशक्ति किसानों द्वारा उत्पादित फसलों को समर्थन मूल्य देने में नहीं दिखाई देने वाले इनके शासन के पीछे छिपा उद्देश्य क्या है उन्हें पूछने की आवश्यकता है। प्रश्न पूछने वाले को समस्या होने पर अन्य सभी संगठनों को उसके समर्थन के लिए खड़े होना चाहिए। ऐसा करने पर मात्र परिवर्तन सम्भव है।


…अपशब्दों से पैदा कर रहे हैं आतंक
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े की जैसे एक जाति को ही इस जमीन से उखाड़ फेंकने जैसे बयान देकर, जगह-जगह गोमूत्र छिडक़ना या धर्मनिरपेक्ष लोगों के माता-पिता नहीं हैं कहने वाले राक्षस आज बयान दे रहे हैं। अपशब्दों को बोलने वाले प्रताप सिंह की बातें सुनने पर ऐसे लोगों के हाथों में हमारा देश देने में भय हो रहा है। धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों के चेहरे पर लगा नकली चेहरा हटाने की आवश्यकता है।

तीन दिन में सेना तैयार करने की बात आरएसएस कह रही है। संविधान को बदलने की बात कही जा रही है जिससे सारी व्यवस्था कैंसर की तरह हो गई है। इसको शीघ्र ही उपचार करने की आवश्यकता है। एआईडीवाईओ के अध्यक्ष रामांजनप्पा आल्दल्ली ने भी विचार व्यक्त किए।


वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सिद्धलिंग पट्टणशेट्टी, योगानंद रेड्डी, डॉ. एस.बी. जोगूरु, डॉ. सोफिया पठान, के. उमा, डॉ. जी. शशिकुमार, वेंकनगौडा पाटील, मनोजकुमार गुद्दी आदि उपस्थित थे।

…मैं किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा
&मैं कोई राजनीतिक दल नहीं बनाऊंगा न ही किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होऊंगा। मैं आज जो कुछ भी हूँ समाज की बदौलत हूं ना कि राजनीति की बदौलत। प्रकाश रै, वरिष्ठ अभिनेता व फिल्म निर्माता।

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