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बैंगलोर

सड़कों पर बार-बार दौड़ते पानी के टैंकर अब एक आम दृश्य

-जल संकट ने बढ़ाई परेशानी

बैंगलोरMar 18, 2024 / 07:17 pm

Nikhil Kumar

सड़कों पर बार-बार दौड़ते पानी के टैंकर अब एक आम दृश्य

सड़कों पर बार-बार दौड़ते पानी के टैंकर अब एक आम दृश्य

निखिल कुमार

जल संकट से जूझ रहे Benngaluru के अब उन क्षेत्रों में भी पानी की किल्लत होने लगी है, जहां कुछ सप्ताह पहले तक उतनी समस्या नहीं थी। बीते कुछ दिनों से इन इलाकों में water tankers का देखा जाना आम हो गया है। टैंकरों के कारण सड़क जाम की समस्या भी होने लगी है। दुकानदारों के अनुसार बोतलबंद पानी की बिक्री भी बढ़ी है। टैंकर की लागत भी बढ़ गई है। सड़कों पर बार-बार दौड़ते पानी के टैंकर अब एक आम दृश्य बन गए हैं।

टैंकर के भरोसे जिंदगी

के. आर. पूरम की गृहिणी दिव्या ने कहा, बच्चों सहित सात लोगों का परिवार है। सोच-समझकर उपयोग के बावजूद पानी का एक टैंकर पांच दिनों तक ही चलता है। एक महीने में पानी के छह टैंकर की जरूरत पड़ती है। लोग टैंकर के भरोसे जिंदगी काटने पर मजबूर हो गए हैं।

निवासियों के बीच झगड़े का कारण

एक अन्य निवासी सुजाता के अनुसार बीते तीन माह से water की भारी कमी हो गई है। दैनिक गतिविधियों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब तक टैंकर के लिए धनराशि भी नहीं है। पानी की समस्या निवासियों के बीच झगड़े का कारण बन रही है।

चार माह पुरानी है समस्या

राजाजीनगर छठे ब्लॉक निवासी अर्जुन एम. ने बताया कि कई घरों में अभी भी cauvery water connection नहीं है। सरकार हर घर में कनेक्शन सुनिश्चित करे। पानी की समस्या चार महीने पहले ही शुरू हो गई थी। टैंकर की कीमत आसमान छू रही है। बोरवेल भी सूख चुके हैं।

पानी उपलब्ध कराने का दबाव

बेंगलूरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) और बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका पर लोगों को पानी उपलब्ध कराने का दबाव है। बीडब्ल्यूएसएसबी के एक अधिकारी के अनुसार स्थिति गंभीर है। मण्ड्या जिले में कृष्णराज सागर बांध से बेंगलूरु को कावेरी जल की आपूर्ति की जाती है, लेकिन बांध में पर्याप्त पानी नहीं है।

7082 गांव, 1193 वार्ड हो सकते हैं प्रभावित

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष गर्मी अधिक गंभीर होने की आशंका है। सरकार के 10 फरवरी तक के आकलन के अनुसार आने वाले महीनों में कर्नाटक भर के लगभग 7,082 गांव और बेंगलूरु शहरी जिले सहित 1,193 वार्ड पेयजल संकट की चपेट में हो सकते हैं।

राजस्व विभाग की एक रिपोर्ट में तुमकूरु जिले में सबसे अधिक 746 गांवों और उत्तर कन्नड़ में सबसे अधिक वार्डों की पहचान की गई है। बेंगलूरु शहरी जिले में 174 गांवों और 120 वार्डों को असुरक्षित माना गया है।

मिलकर मंगा रहे टैंकर

यलहंका निवासी अश्वथ नारायण ने बताया कि पीने के पानी से लेकर खाना बनाने के लिए भी लोगों का पानी खरीद कर लाना पड़ रहा है। कुछ कॉलोनियों में लोग मिलकर पानी टैंकर मंगा रहे हैं। पांच महीने से पानी की समस्या झेल रहे हैं।

पाइप लीकेज भी कारण

एम. एस. रामय्या रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार पहले कुछ इलाकों में पानी की कमी दिखती थी, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। पाइप लीकेज के कारण लंबे समय से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। समय से पहले गर्मी शुरू होते ही समस्या विकराल हो गई है। पाइप लाइन से आने वाली जलापूर्ति एकाएक कम हो गई है। कई परिवार पानी के लिए टैंकर पर निर्भर हैं। स्थानीय विधायक ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।

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