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बांसवाड़ा : पचास की उम्र में सयाने हुए बाबा रामदेव, बोले- मैं न तो बीजेपी से कुछ लेता हूं और न ही कांग्रेस पर कोई उधारी है

पत्रकार वार्ता में विवादित मुद्दों पर बाबा ने धारण किया मौन

बांसवाड़ाApr 24, 2018 / 12:16 pm

Ashish vajpayee

banswara
बांंसवाड़ा. अपनी बेबाक टिप्पणियों और आलोचनाओं से अक्सर सुर्खियां बंटोरने वाले बाबा रामदेव पचास की उम्र पार करने के साथ ही अब सयाने हो गए हैं और उन्होंने समझदारी के साथ संयमित रूप से बोलने और विवदित मुद्दों पर मौन धारण करना भी सीख लिया है। ये बातें किसी और ने नहीं स्वयं बाबा रामदेव ने सोमवार को यहां बांसवाड़ा आगमन के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कही। बाबा रामदेव से देश के ज्वलंत मसलों जीएसटी, नोटबंदी, कालाधन, बैंक घोटाले, बेटियों से बलात्कार आदि पर सवाल किए गए, लेकिन उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज से हटकर संयत और कुछ मसलों पर टालने के लहजे में जवाब दिए। पेश में बाबा रामदेव से मिले सवालों के जवाब:-
जिसमें पंगा न हो उतना ही बोलो
एक सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा अब उन्होंने समझदारी से काम लेना शुरू कर दिया है। जितना बोलना चाहिए उतना ही बोलो, बाकी चुप रहो। मैंने बैबाक बोला है, लेकिन अब 50 की उम्र पार हो चुकी है तो तो थोड़ी समझदारी से बोलना चाहिए। जिसमें पंगा न हो उतना ही बोलो, बाकी जब पंगा लेना तब ले ही लेंगे। पंगा तो मुफ्त में मिलता है।
काले धन पर अब आप चुप क्यों हैं?
जवाब: अब मैंने काले मन पर बोलना शुरू किया है। काले धन वाला काम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर छोड़ दिया है। यह सच है कि मैंने पांच साल तक कालेधन पर मुहिम चलाई, लेकिन अब आगे बोलूंगा तो ब्रेकिंग न्यूज बन जाएगी।
जीएसटी से आपको कितना नुकसान हुआ?
जवाब: नुकसान तो सबको ही हुआ, मुझसे से क्या पूछते हो। अब अधिक बोलना नहीं, कम बोलने में ही समझदारी है।

बेटियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी का प्रावधान से आप कितने सहमत हैं?
जवाब: बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में फ ांसी की सजा का प्रावधान करने से दुष्कर्म के मामले न्यून तो हो जाएंगे, लेकिन पूरी तरह से समाप्त हो जाएं यह सम्भव नहीं है। इसके लिए सामाजिक चेतना जगाने की आवश्यकता है।
सीजेआई के खिलाफ महाअभियोग पर क्या कहेंगे?
जवाब: चाणक्य कह गए हैं जब खिचड़ी गर्म हो तो किनारे-किनारे से पहले खानी चाहिए। बीच में ऊंगली डालोगे तो जल जाएगी। इसलिए इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करनी।
क्या राजस्थान में स्वास्थ्य शिविर के पीछे कहीं विधानसभा चुनाव तो नहीं?
जबाव: मैं कोई स्पोन्सर्ड बाबा नहीं हूं। मैं न तो बीजेपी से कुछ लेता हूं और न ही कांग्रेस पर कोई उधारी है। शिविर तो सर्वदलीय और निर्दलीय सभी पक्षों के लिए हो रहा है।
बैंक घोटाले पर अब तक कुछ नहीं बोला?
जबाव: बोलने से पहले ही पंगे बहुत हो रखे हैं। अब नया कोई पंगा नहीं लेना चाहता। ऐसा नहीं है नीरव मोदी पर बोला, माल्या पर भी बोला, लेकिन अब कुछ भी बोलना नहीं चाहता।
करौली की तरह क्या यहां आचार्यकुलम बनाएंगे?
जवाब: नहीं अभी तक तो ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। करौली में तो यह पहले से ही चल रहा था और अब तक उस पर 10 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं। यदि कोई ऐसा प्रस्ताव यहां आया तो विचार करेंगे।
बांसवाड़ा को क्या सौगात देकर जाएंगे?
जवाब: तीन दिन तक लोगों को योग ? सिखाकर जाऊंगा क्या यह कम है। बाबा किसी से कुछ लेता तो है नहीं वह तो देता ही है।

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