ग्रामीणों ने जिला कलक्टर और विकास अधिकारी को दिए ज्ञापन में इस आशय की शिकायत करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में 120 एवं वर्ष 2018-19 में 68 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित कर दिया गया। वहीं वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में 70 ऐसे लोगों को लाभ दिया गया जो वरीयता में नहीं आ रहे थे। वर्ष 2018-19 में 100 से अधिक लोगों को वरीयत से परे जाकर लाभ दिया गया। जहां आवास एवं शौचालय बने ही नहीं वहां कतिपय जनप्रतिनिधियों ने जीयो टेग में भी फर्जीवाड़ा कर लाभार्थियों की राशि अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत वास्तविक लाभार्थियों की ओर से कई बार आवश्यक दस्तावेज एवं फोटो उपलब्ध कराने के बावजूद उनको 12 हजार रुपए की राशि नहीं दी गई।
इसी तरह ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2017-18 में पनघट योजना के तहत निर्माणाधीन ट्युबवेल एवं सोलरप्लांट जहां स्वीकृत हुआ वहां नहीं लगाकर उपसरपंच के घर पर लगा दिया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि वर्ष 2013-14 से 2017-18 के दौरान नवीन कूप के नाम से हर साल सामग्री के नाम पर लाखों रुपए के बिल काटे गए, लेकिन मौके पर इनका नामो-निशान नहीं है। हैण्डपंप खुदाई में भी भारी भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए गए हैं। विकास अधिकारी को दिए ज्ञापन में बताया कि अधिकांश हैण्डपंप उन्हीं लोगों के यहां खोदे गए हैं जिनको पूर्व में भी स्वीकृत किए गए थे, वहीं हैण्डपंपों के चारो तरफ के क्षेत्र को सीमेंटेड भी नहीं किया गया है।