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बांसवाड़ा

अनाथालय में 20 दिनों तक गंभीर संक्रमण से जूझते रहे आधे से ज्यादा बच्चे, हाथों में हो गए दर्दनाक घाव

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बांसवाड़ाOct 15, 2018 / 08:20 pm

abdul bari

अनाथालय में 20 दिनों तक गंभीर संक्रमण से जूझते रहे आधे से ज्यादा बच्चे

अनाथालय में 20 दिनों तक गंभीर संक्रमण से जूझते रहे आधे से ज्यादा बच्चे, हाथों में हो गए दर्दनाक घाव

बांसवाड़ा.

अनाथालय में गंदगी और जिम्मेदारों की बेपरवाही के कारण 24 मासूम स्केबीज (त्वचा संबंधी बीमारी) के शिकार हो गए। जिन्हें सोमवार को महात्मा गांधी चिकित्सालय ले जाया गया। गौरतबल है कि बाहुबली कॉलोनी क्षेत्र स्थित निराश्रित बाल गृह में वर्तमान में तकरीबन 43 बच्चे निवासरत हैं। जिनमें 24 बच्चे त्वचा की संक्रमित बीमारी स्कैबीज से ग्रसित हैं।
20 दिनों से नहीं ली सुध
अनाथ आलय के इन बच्चों की समस्या कोई एक-दो दिन में नहीं उपजी है, बल्कि बच्चे तकरीबन 20 दिनों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। अनाथ आलय के कार्मिक ने बताया कि 15 से 20 दिन पूर्व गृह के 5-6 बच्चों में यह समस्या हुई थी। तब बीमारों का उपचार करा दिया गया था। और अब कई बच्चों को बीमारी हो गई।
बच्चों के हाथों में हुए घाव
अनाथ आलय प्रबंधन की लापरवाही के कारण बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या इतनी विकट हो गई कि बच्चों के शरीर पर चकत्ते और दाने हो गए हैं। जिनसे अब खून रिसता नजर आता है। पांच-छह वर्ष उम्र के इन बच्चों के हाथों में बड़े-बड़े दाने नजर आते हैं। असहनीय पीड़ा के कारण ये मासूम नहाने धोने तक को मजबूर हैं।
प्रबंधन का तर्क
बच्चों की बीमारी को लेकर वार्डन ने बताया कि बच्चों को पूर्व में भी समस्या हुई थी, तब उपचार कराया गया था। लेकिन बच्चे गांव में जाते हैं और वहां फिर बीमार हो जाते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि गृह में साफ-सफाई का पूर्ण ध्यान रखा जाता है। और बच्चों की किसी समस्या के प्रति सभी कार्मिक काफी सचेत भी रहते हैं। ताकि बच्चों को कोई समस्या न हो।
जहां-तहां कचरे का ढेर, गंदगी की भरमार
अनाथालय प्रबंधन एक ओर जहां साफ-सफाई का दावा करता है। वहीं, असलियत बिल्कुल जुदा है। सच्चाई तो यह है कि बच्चों के निवास स्थान पर गंदगी का अंबार लगा है। परिसर के एक कोने में कचरे का ढेर और वॉशबेसिन में गंदगी का अंबार है। पक्के फर्श पर धूल की परत चलने पर मसहूस होती है। जो प्रबंधन के साफ-सफाई के दावों की असलियत उजागर करती है।
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