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बांसवाड़ा

बांसवाड़ा में नहीं टूट रही कोरोना की कड़ी, सामने आ रहे नए संक्रमित, आंकड़ा 76 पर पहुंचा

Coronavirus Updates, Covid-19 In Rajasthan : दस साल की मासूम और वार्ड की सहायिका पॉजिटिव, कारोबारी का रिश्तेदार भी आया चपेट में

बांसवाड़ाMay 21, 2020 / 03:54 pm

Varun Bhatt

बांसवाड़ा में नहीं टूट रही कोरोना की कड़ी, सामने आ रहे नए संक्रमित, आंकड़ा 76 पर पहुंचा

बांसवाड़ा में नहीं टूट रही कोरोना की कड़ी, सामने आ रहे नए संक्रमित, आंकड़ा 76 पर पहुंचा


बांसवाड़ा. जिले में कोरोना संक्रमण की कड़ी तोडऩे के प्रयासों में अवरोध बने अवरोध के बीच बुधवार देरशाम मिले 42 ने हडक़ंप मचा दिया। इनमें तीन जने पॉजिटिव आए, जो कि पहले घोषित कोरोना रोगियों के करीबी रहे हैं। इनमें एक एमजी अस्पताल के एमटीसी वार्ड की नर्स की दस साल की बेटी, वार्ड की युवा सहायिका के अलावा अहमदाबाद में पॉजिटिव आए खांदू कॉलोनी के सराफा कारोबारी का रिश्तेदार शामिल हैं। इसकी जानकारी पर अब तक असमंजस में फंसी एमजी अस्पताल के डॉक्टरों की टीमें फिर सक्रिय हो गईं। रेपिड रेस्पॉंस टीम कोतवाली पुलिस के दल के साथ शाम को ही भागाकोट, कल्याण कॉलोनी की सहायिका के घर पहुंची। टीम ने यहां एमटीसी की सहायिका के संपर्क में रहे लोगों की स्क्रीनिंग कर सेम्पलिंग के लिए उन्हें अस्पताल भिजवाया। इससे पहले तीन दिन से संदिग्धों की सेंपल लेकर करीब सवा सौ सेंपल भेजने के बाद नतीजे जांच प्रक्रिया के अधीन हैं। इस बीच, प्रतापगढ़ में संक्रमितों से संपर्क में आए लोगों सहित संदिधों के एक दर्जन से ज्यादा और नमूने लेकर भेजे जा चुके हैं।
सीएमएचओ डॉ. हीरालाल ताबियार ने बताया कि मंगलवार रात तक जिला मुख्यालय के एमजी अस्पताल से 80, कुशलगढ़ से 36 और परतापुर से 7 यानी कुल 123 सेंपल जांच के लिए डूंगरपुर भेजे गए। उनमें से 42 के परिणाम शाम सात बजे तक आए। इनमें तीन पॉजिटिव, जबकि बाकी सभी नेगेटिव रहे। अब तक जिले में कुल 2404 सेंपल लिए गए हैं, जिनमें से 2200 नेगेटिव रहे। तीन नए सामने आने से अब यहां कोरोना पॉजिटिव 76 लोग हो चुके हैं। इनमें से 68 कुशलगढ़ कस्बे से, 8 बांसवाड़ा से, एक परतापुर से रहे हैं। इनके अलावा बांसवाड़ा जिले का एक युवक डूंगरपुर में पॉजिटिव आ चुका है। जिले में अब तक 57 जने पॉजिटिव से नेगेटिव आने के बाद पूरी तरह स्वस्थ होने पर घर लौट चुके हैं, जबकि दस जने एमजी अस्पताल में क्वॉरंटीन हैं और पांच पॉजिटिव रोगियों का भी यहीं उपचार चल रहा है।
एमजी अस्पताल में भय, टीमें दिशाहीन
इससे पहले पॉजिटिव आ चुकी एमजी अस्पताल की नर्स के संपर्क में आए एमटीसी वार्ड में भर्ती बच्चों, उनकी माताओं, एक डॉक्टर, स्टाफ सदस्यों के नतीजे लंबित होने से भय बना रहा। फिर नर्स की बेटी और एमटीसी वार्ड सहायिका पॉजिटिव आने की खबर ने और डरा दिया। हालांकि यहां मेटरनिटी वार्ड में राहत की लहर दौड़ी, जबकि यहां बतौर यशोदा कार्यरत और पॉजिटिव आई उसकी नर्स बहन से संपर्कित महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके अलावा नतीजों के अभाव अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी और रेपिड रेस्पॉंस टीमें दिशाहीन रहीं। उनका कामकाज बाहर से आए संदिग्धों के नमूने लेने और मौजूदा मरीजों-क्वॉरंटीन लोगों की देखभाल तक सीमित रहा।
परतापुर में तीन बच्चों के भी लिए सेंपल
उधर, परतापुर में प्रतापगढ़ के दो पॉजिटिव रोगियों से संपर्क में आए लोगों की सूची मिलने पर दस लोगों की सेंपलिंग की गई। इसमें परतापुर के दम्पती के बच्चे शामिल नहीं थे, लेकिन जिस बस में सफर किया, उनमें वे भी साथ थे। लिहाजा उनके भी सेम्पल लिए है। इसके अलावा एक व्यक्ति गढ़ी की बजाय घाटोल क्षेत्र का होने से टल गया। इनके चलते यहां तीन बच्चों के अलावा बोरी, चौपासाग और सामागढ़ा के लोगों के सेंपल लेकर उन्हें आइसोलेट किया गया।
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