इससे पहले पॉजिटिव आ चुकी एमजी अस्पताल की नर्स के संपर्क में आए एमटीसी वार्ड में भर्ती बच्चों, उनकी माताओं, एक डॉक्टर, स्टाफ सदस्यों के नतीजे लंबित होने से भय बना रहा। फिर नर्स की बेटी और एमटीसी वार्ड सहायिका पॉजिटिव आने की खबर ने और डरा दिया। हालांकि यहां मेटरनिटी वार्ड में राहत की लहर दौड़ी, जबकि यहां बतौर यशोदा कार्यरत और पॉजिटिव आई उसकी नर्स बहन से संपर्कित महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके अलावा नतीजों के अभाव अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी और रेपिड रेस्पॉंस टीमें दिशाहीन रहीं। उनका कामकाज बाहर से आए संदिग्धों के नमूने लेने और मौजूदा मरीजों-क्वॉरंटीन लोगों की देखभाल तक सीमित रहा।
उधर, परतापुर में प्रतापगढ़ के दो पॉजिटिव रोगियों से संपर्क में आए लोगों की सूची मिलने पर दस लोगों की सेंपलिंग की गई। इसमें परतापुर के दम्पती के बच्चे शामिल नहीं थे, लेकिन जिस बस में सफर किया, उनमें वे भी साथ थे। लिहाजा उनके भी सेम्पल लिए है। इसके अलावा एक व्यक्ति गढ़ी की बजाय घाटोल क्षेत्र का होने से टल गया। इनके चलते यहां तीन बच्चों के अलावा बोरी, चौपासाग और सामागढ़ा के लोगों के सेंपल लेकर उन्हें आइसोलेट किया गया।