बापू की 828वीं कथा
बापू की खडग़दा में आयोजित कथा 828वीं होगी। इससे पूर्व 827वीं कथा ‘मानस हनुमाना’ दक्षिण अफ्रीका के रवांडा में हुई। बापू का खडग़दा में चौथी बार आगमन हो रहा है। उन्होंने पहली बार सन् 1990 एक दिवसीय, सन् 1992 में दो दिवसीय तथा 1993 में नव दिवसीय कथा की थी। उसके बाद से ही उनको फिर खडग़दा में लाने के प्रयास चल रहे थे। खडग़दा में इससे पूर्व रमेश भाई ओझा, योगगुरु बाबा रामदेव, साध्वी ऋतम्भरा सहित कई ख्यातनाम संतों का सान्निध्य मिला है।
आज पौथी यात्रा
शनिवार को कथा के प्रारंभ में गांव में पौथी के साथ महिलाओं की कलश यात्रा निकलेगी। कलश यात्रा लक्ष्मीनारायण मंदिर होकर कथा स्थल चित्रकूट धाम पहुंचेगी। यहां मोरारी बापू पौथी को स्वीकार करेंगे।
मानस की चौपाई कथा की केन्द्र बिन्दु
पूर्व में हुई कथाओं की तरह खडग़दा की कथा का मुख्य केन्द्र रामचरित मानस की चौपाई होगी। नव दिवसीय कथा का मुख्य विचार केन्द्र यही रहने से इसी अनुरूप कथा का नामकरण होगा। बापू प्रतिदिन कथा की शुरुआत व समापन इसी चौपाई के सामूहिक गान से करेंगे।