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बांसवाड़ा

Ramzaan 2020 : एक रोजेदार के ‘एतकाफ’ से अदा होता समुदाय का हक, पवित्र रमजान का आखरी अशरा शुरू

Ramzaan Month 2020, Eid Ul Fitar 2020 : मुस्लिम समाज के पवित्र रमजान आखरी अशरा शुरू हो चुका है। इसके साथ ही ‘एतकाफ’ का अमल भी 20वें रोजे की शाम से शुरू हो गया। मान्यता है कि एक रोजेदार भी ‘एतकाफ’ में बैठ जाए तो पूरी बस्ती का हक अदा हो जाता है। खुदा बस्ती पर आने वाले संकटों को दूर करते हैं।

बांसवाड़ाMay 17, 2020 / 04:16 pm

mradul Kumar purohit

Ramzaan 2020 : एक रोजेदार के ‘एतकाफ’ से अदा होता समुदाय का हक, पवित्र रमजान का आखरी अशरा शुरू,Ramzaan 2020 : एक रोजेदार के ‘एतकाफ’ से अदा होता समुदाय का हक, पवित्र रमजान का आखरी अशरा शुरू

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बांसवाड़ा. उलेमाओं के अनुसार तीसरे अशरे की पवित्र रातों में यानी 21, 23, 25, 27, 29 रमजान की रात पाक कुरान शरीफ नाजिल हुई थी। इसलिए इन रातों की अहमियत काफी बढ़ जाती है। रोजेदार इन पांचों रात को जागकर खुदा की इबादत करते हैं। मुस्लिम महासभा प्रदेश प्रभारी कलीम मोहमद ने बताया कि ‘एतकाफ’ में व्यक्ति मस्जिद के एक कोने में पर्दा लगा अल्लाह की इबादत करता है। दस दिनों तक वह 24 घंटे इबादत करता है। ‘एतकाफ’ में व्यक्ति कुरान पाक की तिलावत करता है। नफिल नमाजें अदा कर तस्बीह पढ़ता है। इस दौरान वह किसी से मिलता नहीं है।
‘एतकाफ’ की शर्तें
– ‘एतकाफ’ में बैठने वाला मोमिन रोजा जरूर रखें।
– समझ दुरुस्त होना। सूझबूझ दुरुस्त न रखने वाला इंसान नीयत नहीं कर सकता।
– मस्जिद के अलावा मर्दों का ‘एतकाफ’ कहीं और जायज नहीं है।
– शरीर का पाक होना। नापाकी की हालत में मस्जिद में ठहरना जायज नहीं है।
इनसे टूटता है ‘एतकाफ’
– बिना वजह मस्जिद से बाहर निकलना।
– नशीली चीज खाने से बुद्धि खो देना।
– ‘एतकाफ’ की नीयत खत्म कर देना।

बहुत ऊंचा दर्जा
रमजान में नबी पाक ने पाबंदी के साथ ‘एतकाफ’ किया। इसलिए इसका बहुत ऊंचा दर्जा है। खुदा इंसान के गुनाहों को माफ कर देता है और नेकियों में इजाफा होता है। ‘एतकाफ’ में बैठने वाले को दो हज और एक उमरे का सवाब मिलता है। गुरुवार को सूर्यास्त के बाद मर्द मस्जिदों में ‘एतकाफ’ में बैठ गए। ईद का चांद दिखाई देने पर ‘एतकाफ’ पूरा होगा।
– मुफ्ती आसिफ मिस्बाही, दारुल उलूम गरीब नवाज, बांसवाड़ा।

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