बांसवाड़ा

Reena Ninama : मौत के कुएं में फर्राटे से बाइक दौड़ाती है यह लड़की, इसलिए करने लगी खतरनाक स्‍टंट

छोटे से गांव चीब की युवती अपने हुनर से दिखा रही है। इस तरह का प्रदर्शन करने वाली वागड़ की संभवत: पहली बाइक राइडर रीना मेले में धूम मचाए हुए है। मौत के कुएं में फर्राटे भरती उसकी बाइक देखकर दर्शक दांतों तले अंगुली दबा रहे हैं।

बांसवाड़ाOct 06, 2022 / 05:21 pm

Kamlesh Sharma

Reena Ninama

बांसवाड़ा। वागड़ में प्रतिभाओं की नहीं, उनके उड़ान के अवसरों की कमी है। यह हकीकत शहर के कॉलेज मैदान में चल रहे दशहरा मेले में बांसवाड़ा के छोटे से गांव चीब की युवती अपने हुनर से दिखा रही है। इस तरह का प्रदर्शन करने वाली वागड़ की संभवत: पहली बाइक राइडर रीना मेले में धूम मचाए हुए है। मौत के कुएं में फर्राटे भरती उसकी बाइक देखकर दर्शक दांतों तले अंगुली दबा रहे हैं।

भूंगड़ा थाना क्षेत्र के चीब गांव की 26 वर्षीया रीना पुत्र नाकूड़ा निनामा खटारा सी दिखने वाली पुरानी बाइक पर सवार होकर जब करीब 25 फीट गहरे कुएं से चक्कर-दर-चक्कर ऊपर दर्शकों के करीब पहुंचती है तो नजारा देख हर कोई अचम्भित है। आगे-पीछे कार हो या दूसरी बाइक, उसे फर्क पड़ता दिखलाई नहीं देता। बिना हेलमेट या सुरक्षा के कभी हैंडल छोडकऱ बाहें फैलाए तो कभी बाइक पर लेटकर हाथ जोड़ अभिवादन करते हूनर का प्रदर्शन करती रीना को देखने दर्शक दंग हैं।

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संघर्षों के साथ बढ़ी, महाराष्ट्र में ली ट्रेनिंग
विजयादशमी पर भीड़ बढऩे की सूचना पर दोपहर बाद करीब एक बजे से ही प्रदर्शन के लिए जुटी रीना ने बीच के अंतराल में चंद मिनट बिंदास बातचीत की। उसने बताया कि जीवन में संघर्ष सबका अपना होता है लेकिन उसका सफर कुछ अलग रहा। पांच साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठ गया, तो बाद में मां भी नहीं रही। इस कारण आठवीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाई, तो मलाल रहा। उस समय गांव में इक्का-दुक्का बाइक थी, लेकिन दूसरों को चलाते देखकर मन उसी तरफ गया। एक-दो दिन दूसरे की साइकिल और फिर बाइक का हैंडल थामा। आसान लगा और मजा आया तो उसी की तरफ बढ़ती चली गई। कोशिश की तो जरिया भी मिल गया। फिर गांव से निकल कर महारार्ष्ट्र के अमरावती तक जाकर ट्रेनिंग ली और बाइक राइडर बन गई।

छह साल से मेलों में ही रमी, पूछते हैं सब
रीना बताती है कि 20 साल की उम्र में बाइक दौड़ाना सीखा। 2017 से मेलों में लगने वाले मौत के कुएं में अपना हुनर दिखा रही हूं, अब इसी काम में रम गई हूं। पैसों की बात पर रीना कहती है कि 1500 रुपए एक दिन के मिलते हैं, फिर उसमें भले ही कितने ही चक्कर हों। बुधवार को एक बजे से चार बजे तक रह-रहकर भीड़ आती देख छह बार प्रदर्शन किया। यह सिलसिला रात 12 बजे तक चलने की उम्मीद रही। पैसा कम ही मिलता है, लेकिन लोगों में पूछ बढ़ी है।

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फिल्मों में जाने का सपना, तलाश रही रास्ता
रीना ने बताया कि अब तो बाइक चलाने का शौक ही उसकी जिंदगी और रोजगार का जरिया है। खटारा सी दिखने वाली बाइक से हादसे की आशंका पर वह तपात से बोली, खेल बाइक का नहीं, कंट्रोल का है। भीड़ में सब तरफ नजर जाने पर भी अपना फोकस नहीं छोड़ती। छह साल में अब तक तो कभी ऐसी नौबत नहीं आई। शा रीना ने भविष्य में फिल्मों में स्टंट गर्ल बनने की मंशा जताई और कहा कि मौके की तलाश है। जिस दिन अवसर आया, देश-दुनिया को कुछ कर दिखाउंगी।

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