script#sehatsudharosarkar : मंदिर में भगवान के दर्शन आसान, स्वास्थ्य के मंदिर में ‘धरती के भगवान’ भए दूभर | #sehatsudharosarkar : Docters are not avbailable in Hospitals | Patrika News
बांसवाड़ा

#sehatsudharosarkar : मंदिर में भगवान के दर्शन आसान, स्वास्थ्य के मंदिर में ‘धरती के भगवान’ भए दूभर

बांसवाड़ा जिले की की पीएचसी और सीएचसी पर पर नहीं मिलते डॉक्टर, मरीजों उठानी पड़ती है परेशानी
 

बांसवाड़ाSep 17, 2017 / 08:45 pm

Ashish vajpayee

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 बांसवाड़ा. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव की सुविधा न दिन में मिल रही है और न ही रात में। इसके चलते गर्भवती को लेकर परिजनों को दूरस्थ अंचलों से जिला मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ती है। खस्ताहाल सडक़ों पर गर्भवती को लेकर कई किलोमीटर लम्बा सफर कई बार प्रसव को और अधिक जटिल बना देता है, जिससे जान पर संकट के हालात भी बन जाते हैं। जिला चिकित्सालय को छोडकऱ कहीं पर भी महिला चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। साथ ही नर्सिंग कार्मियों की भी कमी होने के कारण शाम ढलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा राम भरोसे हो जाती है।
मुख्यावास नहीं मुख्यालय पर निवास

रोगियों को चिकित्सकीय सुविधा सिर्फ ओपीडी के दौरान ही मिलती है। विभागीय नियमों की भी अवहेलना की जा रही है। जो चिकित्सक जहां नियुक्त है उसे वहीं रहना होता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं हो रहा है। अधिकांश चिकित्सक मुख्यालय पर रहकर आनाजाना करते हैं। ऐसे में कुछ घण्टों को छोड़ न तो दिन में और न ही रात में ‘भगवान’ पीएचसी व सीएचसी पर मिलते हैं।
परतापुर चिकित्सालय में बंद एसएनसीयू
परतापुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गढ़ी पर नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल के लिए लाखों रुपए की लागत से आधुनिक सुविधायुक्त एसएनसीयू स्थापित है, लेकिन शिशुरोग विशेषज्ञ का पद करीब एक साल से खाली होने से यह यूनिट अनुपयोगी है। वहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन एवं फिजिशियन के पद भी रिक्त हैं। इससे गंभीर स्थिति पर प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है।
पांच सालों से स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं
कुशलगढ़. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रतिमाह 300 से अधिक प्रसव होते हैं, यहां पिछले 5 साल से भी अधिक समय से स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। इस कारण यहां के लिए स्वीकृत सोनाग्राफ ी मशीन भी जिला मुख्यालय पर पड़ी है। सोनाग्राफ ी के लिए गुजरात व जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है।वैसे तो प्रसव कक्ष में सभी सुविधाएं है, लेकिन फ ोटो थैरेपी मशीन व वार्मर करीब 1 वर्ष से अधिक समय से खराब है। गहन शिशु कक्ष सहित प्रसव कक्ष में सीलन होने से संक्रमण का खतरा बना रहता है।
शिकायत दर्ज कराई है
चिकित्साधिकारी डॉ अरूण गुप्ता ने बताया कि सोनाग्राफ ी मशीन के लिएं कई बार उच्चाधिकारीयो को अवगत करवाया गया है, वार्मर मशीन व फ ोटो थेरेपी मशीन के लिए विभाग में शिकायत दर्ज करवाई हुई है परन्तु ठीक करने वाले नही आएं।

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