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बांसवाड़ा

‘गोल-माल’ : राजस्थान के 138 सरकारी कॉलेजों ने नहीं दिया 32 करोड़ के अनुदान का हिसाब-किताब, आयुक्तालय बार-बार भेज रहा रिमाइंडर

Government Colleges In Rajasthan : बांसवाड़ा-डंूगरपुर के कॉलेज भी शामिल, ब्यौरा जानने के लिए विभाग को मारने पड़ रहे हाथ-पैर

बांसवाड़ाJan 02, 2020 / 01:41 pm

deendayal sharma

‘गोल-माल’ : राजस्थान के 138 सरकारी कॉलेजों ने नहीं दिया 32 करोड़ के अनुदान का हिसाब-किताब, आयुक्तालय बार-बार भेज रहा रिमाइंडर

‘गोल-माल’ : राजस्थान के 138 सरकारी कॉलेजों ने नहीं दिया 32 करोड़ के अनुदान का हिसाब-किताब, आयुक्तालय बार-बार भेज रहा रिमाइंडर

बांसवाड़ा. कॉलेज शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए पैसा देने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को इसके हिसाब-किताब जानने के लिए ही हाथ-पैर मारने पड़ रहे हैं। बार-बार याद दिलाने के बावजूद राज्य के सरकारी महाविद्यालय पैसे का हिसाब दबाए बैठे हैं। इससे अनुदान का उपयोग हुआ भी या नहीं ? यदि हुआ तो कहां ? इसे लेकर स्थिति अब तक अस्पष्ट है। पूरे राज्य में कुल 138 सरकारी कॉलेजों ने 31 करोड़ 98 लाख 96 हजार 267 रुपए का खर्च ब्योरा नहीं सौंपा है। उदयपुर सम्भाग में ही 16 कॉलेज लापरवाह हैं, जिसमें बांसवाड़ा-डंगरपुर जिले के कॉलेज भी शामिल हैं। ऐसे हालात के बीच यूजीसी की ओर से आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा को इस संदर्भ में पत्र लिखा गया है। इसके बाद आयुक्त ने सूची में शामिल तमाम लापरवाह प्राचार्यों को चि_ी लिखकर ग्रांट का सेटलमेंट करवाने को कहा है। कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने पत्र में बताया कि यूजीसी ने आयुक्तालय को भेजी सूची में सम्बंधित कॉलेजों द्वारा यूजीसी को विभिन्न योजनाओं एवं मदों में दिए गए अनुदान का सेटलमेंट नहीं किया है। आयुक्त ने उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजकर सेटलमेंट सुनिश्चित कराने को कहा है। यूजीसी सरकारी कॉलेजों को विभिन्न योजनाओं और मदों जीडीए, आइक्यूएसी, एडिशनल असिस्टेंस, एफडीपी, जीडी, 11, 12 एवं 13वीं योजना और अन्य कोष से अनुदान देता है। इस पैसों को महाविद्यालयों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा में सुधार के लिए निर्माण, शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने पर खर्च करने का प्रावधान होता है। योग्य कॉलेजों का चयन कर उन्हें धारा 2 (एफ) के तहत शामिल कर यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12 (बी) के तहत केंद्रीय सहायता दी जाती है।
उदयपुर सम्भाग के इन कॉलेजों ने नहीं दिया हिसाब : – श्री गोविन्द गुरु राजकीय महाविद्यालय, बांसवाड़ा : 65 लाख 34 हजार रुपए, एसबीपी राजकीय महाविद्यालय, डूंगरपुर : 84 लाख 43 हजार 668 रुपए, मामा बालेश्वरदयाल राजकीय महाविद्यालय, कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) : 7 लाख 31 हजार 14 रुपए, एसएसबीबी राजकीय महाविद्यालय, सागवाड़ा (डूंगरपुर) : 3 लाख रुपए, वीर बाला कल्लाबाई राजकीय कन्या महाविद्यालय, डूंगरपुर : 4 लाख 58 हजार 142 रुपए, राजकीय महाविद्यालय, प्रतापगढ़ : 2 लाख 70 हजार रुपए, मीरा गल्र्स कॉलेज, उदयपुर : 35 लाख 23 हजार 756 रुपए, विद्या भवन, जी.एस. टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, उदयपुर : 3 लाख 18 हजार 135 रुपए, रंगलाल कोठारी महाविद्यालय, राजसमंद : 42 हजार 871 रुपए, संवरजीत राजकीय कन्यास महाविद्यालय, चित्तौडगढ़़ : 34 लाख 54 हजार 758 रुपए, राजकीय हाड़ी रानी महाविद्यालय, सलूम्बर : 73 लाख 22 हजार 421 रुपए, श्री सांवलियाजी राजकीय महाविद्यालय, मण्डफिया : 25 लाख 45 हजार रुपए, राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, चांदपोल, उदयपुर : 2 लाख 70 हजार रुपए, राजकीय महाविद्यालय, देवगढ़ (राजसमंद) : 2 लाख 70 हजार रुपए, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ साइंस, उदयपुर : 5 लाख रुपए, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चित्तौडगढ़़ : 14 लाख 30 हजार 10 रुपए।

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