सत्ता में आने के बाद से ही खामोश पूर्व कांग्रेस सरकार की ओर से रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना का शिलान्यास 3 जून, 2011 को किया था। इसके लिए रेल मंत्रालय ने राज्य सरकार के साथ 50-50 फीसदी अंशदान देने का करार किया था। जिसके पेटे राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की ओर से 200 करोड़ रुपए भी जारी किए थे। बाद में
मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में जमीन अधिग्रहण करने के लिए भी बजट जारी किया गया। इसी दौरान राज्य एवं केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के बाद रेल परियोजना के बुरे दिन शुरू हो गए। बजट आवंटन करना बंद कर दिया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के एक साल तक तो पहले जारी हुए बजट से
काम चलता रहा, लेकिन बाद में राशि जारी नहीं की गई। इसे लेकर कई बार सवाल खड़े किए गए, लेकिन हर बार जमीन अधिग्रहण करने के लिए बजट जारी करने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद गत दो साल से रेल परियोजना का सारा काम ठप पड़ा है।
सांसद ने लगाई थी पीएम से गुहार रेल परियोजना को लेकर जहां राज्य सरकार का रवैया लचर रहा है, वहीं सांसद मानशंकर निनामा ने कई बार प्रधानमंत्री से लेकर रेल मंत्री और अन्य मंत्रियों तक गुहार लगाई। बावजूद राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण व्यवहार के चलते परियोजना के काम को गति नहीं मिल पाई। रही सही कसर परियोजना कार्यालय को बंद करने के आदेश ने पूरी कर दी।
बिजली कनेक्शन नहीं मिलने तक सोलर लैंप से होगा उजियारा बांसवाड़ा. प्रदेश में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय योजना के बीपीएल परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन देने का प्रावधान होने के बावजूद अभी तक जिले में हजारों लोगों के घरों में बिजली नहीं पहुंची है। अब राज्य सरकार की ओर से ऐसे परिवारों को सौलर लैंप दिया जाएगा। जनजाति उपयोजना क्षेत्र में 1 लाख 70 हजार 660 किसानों को लैंप दिए जाएंगे। साथ ही उपयोजना क्षेत्र के बीपीएल एवं अन्त्योदय परिवार के किसानों को खरीफ 2018 में संकर मक्का के मिनिकिट्स दिए जाएंगे।
यह बात राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने मंगलवार को सर्किट हाउस में राजस्थान बजट में किए प्रावधानों की जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। रावत ने कहा कि सरकार ने कर्जोंं व लगान की माफ ी की घोषणा के साथ कई घोषणाओं से अंचल के किसानों और आमजन को राहत देने वाला बजट प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि अनास नदी पर बांध निर्मित कर 35 हजार हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं माही बांध से अपर हाईलेवल केनाल निकालकर सज्जनगढ़, बागीदौरा एवं गांगड़तलाई के 26 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जनजाति क्षेत्र में 1 हजार नवीन मां-बाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किए जाएंगे।
रावत ने कहा कि पहली बार बांसवाड़ा के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने माही बांध परिक्षेत्र में दस करोड़ रुपयों की लागत से ‘हंड्रेड आईलेण्ड क्षेत्र’ का विकास की घोषणा की है। इससे पर्यटन विकास के द्वार खुलेंगे वकई लोगों को
रोजगार भी प्राप्त होगा। इस मौके पर अतिरिक्त कलक्टर हिम्मतसिंह बारहठ, जिला परिषद सीईओ हर्षसावन सुखा, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, उपाध्यक्ष योगेश जोशी, महामंत्री गोविंदसिंह राव, मीडिया संयोजक राजीव ओझा आदि उपस्थित थे।