अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ डीके श्रीवास्तव ने बताया जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आयुष्मान पत्र जारी हुआ है और उन्होनें ऑनलाइन पंजीकरण द्वारा गोल्डेन कार्ड नहीं बनवाए हैं, उनके गोल्डेन कार्ड बनाये जा रहे है। इस योजना से आच्छादित परिवारों को प्रतिवर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपए तक के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था हैं। इसका लाभ उठाने के लिए योजना के पात्र व्यक्ति के पास गोल्डेन कार्ड होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान पत्र के साथ ही आधार कार्ड को ऑनलाइन पंजीकरण करने के बाद ही लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बनेगा।इसमें आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की लिस्ट मे व्यक्ति का नाम होना चाहिए , यदि किसी के पास आयुष्मान पत्र नहीं है लेकिन सूची मे नाम है वह भी पात्र है।
305555 लोगों के बन चुके हैं गोल्डन कार्ड नोडल अधिकारी ने बताया जिले में जिन लाभार्थी परिवारों के अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं उन परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के लिए पहले अभियान भी चलाया गया। इस दौरान लाभार्थियों को खोज कर उनका गोल्डन कार्ड बनाया गया। उन्होंने बताया सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार बाराबंकी में आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 3 लाख 5 हजार 555 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।
इन अस्पतालों में बनाए जा रहे गोल्डन कार्ड
स्थानीय जनपद में आयुष्मान योजना में शामिल किए गए चिकित्सालयों में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, सीएचसी देवा, रामसनेहीघाट व निजी चिकित्सालय में-हिद मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, आस्था हास्पिटल, आहुजा नर्सिग होम, जैन नर्सिंग होम, कृष्णा मैटरनिटी हॉस्पिटल, रामसनेहीघाट में आकांक्षा नर्सिंग होम, शांति पॉलिक्लिनिक, शेरवुड अस्पताल सहित कुल 34 अस्पताल हैं।
यहां भी बनवाने की सुविधा जिले में आयुष्मान योजना में शामिल किए गए चिकित्सालयों में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, सीएचसी देवा, रामसनेहीघाट व निजी चिकित्सालय में-हिद मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, आस्था हास्पिटल, आहुजा नर्सिग होम, जैन नर्सिंग होम, कृष्णा मैटरनिटी हॉस्पिटल, रामसनेहीघाट में आकांक्षा नर्सिंग होम, शांति पॉलिक्लिनिक, शेरवुड अस्पताल सहित कुल 34 अस्पताल हैं। अब सभी जगहों पर निश्शुल्क गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया पहली मार्च से शुरू की गई है इनसेट: गोल्डन कार्ड जनसेवा केंद्रों पर भी निश्शुल्क बनेंगे। यह आदेश स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त हुए हैं। जनसेवा केंद्र संचालकों के खातें में धनराशि कार्ड बनाने की भेजी जाएगी। किसी व्यक्ति को कोई धनराशि नहीं खर्च करनी है।