यूपी के इस जिले में छप रही थी फेक करेंसी, बरामद हुए दो लाख से ज्यादा के नकली नोट, ऐसे हुआ खुलासा
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह गोरखधंधा केवल लैपटॉप, स्कैनर और प्रिंटर के सहारे ही बेहद शातिराना अंदाज में चल रहा था। पकड़े गए आरोपियो में एक बीएससी पास है। जबकि दो ने आईटीआई किया है।
यूपी के इस जिले में छप रही थी फेक करेंसी, बरामद हुए दो लाख से ज्यादा के नकली नोट, ऐसे हुआ खुलासा
बाराबंकी. जनपद बाराबंकी की पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले एक बेहद शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार करके उनके पास से दो लाख से ज्यादा के नकली नोट भी बरामद किये हैं। ये गिरोह जनपद अयोध्या में जाली नोट बनाकर बाराबंकी, सुलतानपुर, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और अयोध्या में सप्लाई करता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह गोरखधंधा केवल लैपटॉप, स्कैनर और प्रिंटर के सहारे ही बेहद शातिराना अंदाज में चल रहा था। पकड़े गए आरोपियो में एक बीएससी पास है। जबकि दो ने आईटीआई किया है।
छप रही थी फेक करेंसी दरअसल बाराबंकी की सतरिख पुलिस ने बीजेमऊ नहर पुलिया के पास ग्राम गोकुलपुर से चार तस्करों को गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो अभियुक्तों ने बताया कि जनपद अयोध्या के पटरंगा थाना के दिवाली चौराहे पर शिवशंकर वर्मा नाम का आरोपी जनसेवा केंद्र चलाता है। लैपटाप में लगे स्कैनर से वह असली भारतीय करेंसी की 500 और 2000 रुपये की नोट को स्कैन कर लेता था। फिर लैपटाप में अपलोड साफ्टवेयर के माध्यम से असली भारतीय करेंसी की तरह ही नकली नोट का प्रिंट करके नकली नोटों को निकाल लेते थे। उसके बाद सौरभ तिवारी रितिक और अलीम नाम के आरोपी 500 और 2000 रुपये के नकली नोटों को मार्केट में खपाते थे। तीस हजार नकली नोटों के बदले 10 हजार रुपये लेते थे। यह लोग इन नोटों को अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, अमेठी, सुलतानपुर और आसपास के कई जनपदों में सप्लाई करते थे। जाली नोट बनाने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर पुलिस ने दो लाख 11 हजार रुपये जाली नोट बरामद किए हैं। वहीं पकड़े गए आरोपियो में सौरभ तिवारी बीएससी पास है। जबकि शिवशंकर वर्मा और अलीम ने आईटीआई किया है।
पुलिस ने किया खुलासा बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि सतरिख पुलिस ने बीजेमऊ नहर पुलिया के पास ग्राम गोकुलपुर से चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अयोध्या के पटरंगा थाना के शिवशंकर वर्मा दिवाली चौराहा पर जनसेवा केंद्र चलाता है। लैपटाप में लगे स्कैनर से असली भारतीय मुद्रा की 500 और 2000 रुपये की नोट को स्कैन कर लेते हैं। फिर लैपटाप में अपलोड साफ्टवेयर के माध्यम से असली भारतीय करेंसी की तरह ही फेक करेंसी का प्रिंट करके नकली नोटों को निकाल लेते थे। बाकी तीनों आरोपी नकली नोटों को मार्केट में खपाते थे। एसपी ने बताया कि पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के पास से दो लाख 11 हजार जाली नोट, लैपटाप, चार्जर, माऊस, की-बोर्ड, प्रिंटर स्कैनर, चार मोबाइल, सादा कागज, दो बाइक बरामद किया है।