कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा संजय कुमार ने बताया वर्ष 2019-20 में 4 हजार 350 महिलाओं ने प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी (कॉपर-टी) लगवाया गया था, वहीं कोरोना काल में 832 महिलाओं ने प्रसव के बाद कॉपर-टी का टीका लगवाया। कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता से प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया। जिसका परिणाम रहा है कि महिलाओं में पीपीआईयूसीडी के प्रति रूझान बढ़ा है। मार्च से लेकर अब तक 5.6 फीसदी महिलाओं को पीपीआईयूसीडी लगवाया जा चुका है। यह प्रसव करा रहे डाक्टर एवं स्टाफ नर्सों के उचित मार्गदर्शन से संभव हो पा रहा है। जिले के स्वास्थ्य कर्मी लोगों को परिवार नियोजन के लाभ बताने का कार्य कर रहे हैं।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबैर अंसारी ने बताया कोरोना काल में जिले में पीपीआईयूसीडी लगाने में अन्य जनपदों की अपेक्षा बेहतर कार्य किया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों ने महिलाओं को जागरूक कर रहे कॉपर-टी के लिए प्रेरित किया। जिसका परिणाम यह है कि कोरोना काल में जिले में प्रसव के बाद 5 फीसदी से अधिक महिेलाओं ने प्रसव उपरान्त कॉपर-टी लगवाने में कामयाब रहीं।
परिवार नियोजन
1. डॉक्टर या स्टाफ नर्स जो सबसे अधिक महिलाओं को कॉपर-टी के लिए प्रेरित किया। उस स्वास्थ्य कर्मी को उस माह का चैंपियन घोषित किया गया।
2. एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा भी स्थापित किया गया । जिससे स्टाफ नर्स स्वयं भी प्रेरित हुई।
3. वर्ष 2019-20 की तुलना में कॉपर-टी लगवाने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई।
4. प्रत्येक सप्ताह मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से विशेषज्ञों द्वारा डाक्टरों व स्टाफ नर्सो को दिशा-निर्देश भी दिया जाता है।
कॉपर टी बारें में लाभकारी सुझाव
रामनगरा ग्राम निवासी कान्ती का कहना है कि जून माह में प्रसव कराने के मैं अपने परिवार के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फतेहपुर गयी जहां पर डाक्टरों ने मेरा सकुशल प्रसव कराया उसके एक सप्ताह बाद स्टाफ नर्स ने सलाह दिया कि अब बच्चे व अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी का टीका लगवा लें जिससे आपको अपने दूसरे बच्चें के बीच में काफी समय मिल जायेगा और पहले बच्चे का पालन पोषण भी अच्छे ढंग से हो जायेगा। यह हर प्रकार से लाभकारी होता है। किसी भी प्रकार से नुकसान देह नहीं है तब मैने कॉपर टी का टीका लगवाया और दो माह व्यतीत होने पर भी मुझे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है।
बादशाहनगर, इसरौली निवासी अनीसुन निशा ने फतेहपुर सीएचसी में पहले अपना प्रसव कराया, उसके बाद डाक्टर से परामर्श लिया कि अब मै दूसरे बच्चे के बीच पांच वर्षो का अन्तर रखना चाहती हूं। डाक्टर ने कॉपर-टी लगवाने का परामर्श दिया। मौके पर इस विषय में अच्छे ढंग से जानकारी लेने के बाद मैंने पीपीआईयूसीडी (कॉपर टी) टीका लगवाया, अब मैं पूर्णतः स्वस्थ्य हूं और कोई दिक्कत नही है।