दलित होने के नाते होता रहा अपमान अनिल रावत व निर्मला रावत का कहना है कि पिछले 15 सालों से पार्टी में कार्य कर रहे हैं लेकिन हमेशा उनके दलित होने का अपमान होता रहा है। इस वजह से उन्होंने पार्टी को अलविदा कहना ही ठीक समझा। उन्होंने बताया कि वे अकेले पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में दलित पार्टी को छोड़ रहे हैं।
दलित होना भाजपा में अभिशाप के समान इन दलित नेताओं ने बताया कि वह लोग पन्द्रह साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और बाराबंकी जनपद के साथ -साथ अन्य जनपदों में भी पार्टी का काम पूरी मेहनत और लगन के साथ किया है। मगर आज तक उन्हें पार्टी में सम्मान नहीं मिला। उनका दलित होना भाजपा में अभिशाप के समान है। इस लिए दुखी मन से वह लोग भाजपा छोड़ रहे हैं।