नौलाइयां जलाना आग लगने का बड़ा कारण
खेतों में आग लगने का दूसरा एवं सबसे बड़ा कारण गेहूं कटने के बाद खेत में बची नौलाइयों में आग लगाना है। नौलाइयों में आग लगाने का मकसद खेत खाली करना होता है। इस आग से जनहानि एवं अन्य खड़ी फसल में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि जिला कलक्टर के आदेशानुसार नौलाइयों में आग लगाना कानूनी अपराध है। ऐसे खेत मालिकों पर जुर्माना किए जाने का प्रावधान है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसकी अनदेखी करते चले आ रहे हैं। अब तक यहां जुर्माने की कोई कार्यवाही नहीं होने से नौलाइयां जलाने की परम्परा बढ़ती चली जा रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नौलाइयां जलने के साथ ही खेत में उपज के लिए जरूरी पोषक तत्व एवं कीट पतंगें भी जलकर राख हो जाते हैं। जिससे आगामी फसल उत्पादन प्रभावित होता है। उसके बावजूद नौलाइयां जलाने का सिलसिला रूक नहीं रहा।
गेहूं के ढेर में लगी आग, जल कर राख
जलवाड़ा ञ्च पत्रिका. खल्दा गांव के खेत में मंगलवार को आग लगने से गेहूं की फसल जल कर राख हो गई। हेमराज मीणा के अनुसार खल्दा गांव निवासी दो भाई बलराम बैरवा व उसके छोटे भाई राम बाबू बैरवा के करीब चार बीघा की गेहूं की फसल थी। उन्होंने इसके दो ढेर लगा रखे थे। बिजली के तारों में स्पार्किंग से इनमें आग लग गई। तेज हवा से आग और भड़ गई। सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने नलकूप चला कर आग बुझाने का प्रयास किया। तब तक आधा घंटा में गेहूं के दोनों ढेर जल चुके थे।