Baran-छतों पर गूंजे गीत, आसमान में लगे ठुमके, सुबह से शाम तक पतंगबाजों का धमाल परवान पर रहा
Baranछतों पर गूंजे गीत, आसमान में लगे ठुमके, सुबह से शाम तक पतंगबाजों का धमाल परवान पर रहा
बारां. शहर में मकर संक्रान्ति के अवसर पर मंगलवार को सुबह से शाम तक पतंगबाजों का धमाल परवान पर रहा। दिनभर छतों में बच्चों व किशोरों की धूम मची रही। डीजे के संगीत पर युवा जमकर थिरके। पतंग काटने के बाद वो काटा, वो मारा का शोर रह-रह कर गूंजता रहा।
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Baranछतों पर गूंजे गीत, आसमान में लगे ठुमके, सुबह से शाम तक पतंगबाजों का धमाल परवान पर रहा बारां. शहर में मकर संक्रान्ति के अवसर पर मंगलवार को सुबह से शाम तक पतंगबाजों का धमाल परवान पर रहा। दिनभर छतों में बच्चों व किशोरों की धूम मची रही। डीजे के संगीत पर युवा जमकर थिरके। पतंग काटने के बाद वो काटा, वो मारा का शोर रह-रह कर गूंजता रहा। बच्चों को तो देर शाम को अभिभावकों ने मुश्किल से छतों से नीचे उतारा। हालांकि इस वर्ष पतंगबाजी का शोर गत वर्ष की तुलना में कम रहा। कुछ लोग पतंग की डोर से चोटिल भी हुए। लोगों का कहना है कि बुधवार को विधि अनुसार मकर संक्रान्ति पर्व मनाया जाएगा, ऐसे में दो दिन का त्योहार होने से अधिकांश लोग दूसरे दिन भी पतंगबाजी के साथ दान-पुण्य करेंगे।
जमकर बजा गजबण गीत
युवाओं पर इनदिनों हरियाणा की लोक गायिका व डांसर सपना चौधरी का गजबण पाणी ले बा चाली गीत सिर चढ़कर बोल रहा है। संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान भी यह गीत दिनभर गूंजता रहा। इसके अलावा पंजाबी गीतों का भी धमाल रहा। युवाओं की कई टोलियां इन गीतों पर ठुमके लगाती रहीं। इस दौरान पेंच लड़ा पतंगे काटने का दौर भी चलता रहा।
स्कूलों में स्वघोषित अवकाश
शिविरा कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर विद्यालयों में सार्वजनिक अवकाश नहीं रहता, लेकिन अधिकांश विद्यालयी छात्र, छात्राओं ने खुद अवकाश रखा तथा स्कूल नहीं गए। इससे शहर के अधिकांश स्कूलों में सन्नाटा पसरा रहा तो कुछ स्कूलों में गिनती के विद्यार्थी ही नजर आए। दोपहर में इन्हें भी स्कूल के स्टाफ ने घर भेज दिया। वहीं निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या नगण्य रही। कई स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के आदेश की पालना के चलते मात्र दो घंटे स्कूल खोले।
गोशालाओं में चारे के ढेर
मकर संक्रांति पर दान-पुण्य की परम्परा रहती है, ऐसे में सुबह से दोपहर तक लोग शहर की गोशालाओं व पशु चिकित्सालयों में पशुओं को चारे खिलाने पहुंचे। गोशालाओं व जिला पशु चिकित्सालय में सुबह ही चारे के ढेर लग गए। ऐसे में दानदाताओं को मना करना पड़ा। इसके बाद भी दानदाता गोवंश को चारा डालने के लिए आतुर रहे। बाद में यह हरा चारा अलग रखवाया गया।
सुहाग की वस्तुएं की भेंट
सुहागिन महिलाओं ने सुबह पूजा-अर्चना के बाद सुहाग की वस्तुओं का दान किया। आयु में बड़ी महिलाओं को वस्तुओं का दान करने के बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। दान की वस्तुओं में लाख का चूड़ा, मेहन्दी के पैकिट, सुहाग की प्रतीक बिन्दयां आदि शुमार रहे। हालांकि इस वर्ष ज्योतिष मान्यता के अनुसार बुधवार को सूर्य उत्तरायण में आएगा। ऐसे में इसी दिन मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा।
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