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अपना घर ने दिलाया परिवार: सरस्वती पहुंची अपने घर में बेटी के अपहरण ने कर दिया था पागल

अपना घर ने दिलाया परिवार: सरस्वती पहुंची अपने घर में बेटी के अपहरण ने कर दिया था पागलबारां. बारां के पुरानी सिविल लाइन क्षेत्र में पागल होकर बदहवास घूमती औैर कभी लोगों पर पत्थर फैकने वाली सरस्वती को आखिर अपने परिजन मिल ही गए। इतना ही नहीं उसकी याददाश्त भी अब लौट आई है।

बारांDec 24, 2018 / 03:44 pm

Shivbhan Sharan Singh

अपना घर ने दिलाया परिवार: सरस्वती पहुंची अपने घर में  बेटी के अपहरण ने कर दिया था पागल

saraswati

अपना घर ने दिलाया परिवार: सरस्वती पहुंची अपने घर में
बेटी के अपहरण ने कर दिया था पागल
बारां. बारां के पुरानी सिविल लाइन क्षेत्र में पागल होकर बदहवास घूमती औैर कभी लोगों पर पत्थर फैकने वाली सरस्वती को आखिर अपने परिजन मिल ही गए। इतना ही नहीं उसकी याददाश्त भी अब लौट आई है। यह सब हुआ कोटा की अपना घर संस्था व ह्यूमन हेल्पलाइन के मनोज जैन आदिनाथ की बदोलत। दरअसल गत वर्ष 11 जुलाई को ह्यूमन हेल्पलाइन के मनोज जैन आदिनाथ को सूचना मिली थी कि बारां के महिला थाने के पीछे कुछ दिनों से एक विमंदित महिला लावारिस अवस्था में नाली के पास पड़ी रहती है । महिला आक्रोशवश वहाँ से निकलने वालों राहगीरों पर पत्थर मारती है। है एवं कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिए हैं। जैन तुरंत ही अपना घर कोटा को सूचना देते हुए एम्बुलेंस से महिला सेवाकर्मी रुबीना, मेघसिंह एवं नर्सिंगकर्मी अब्दुल कादिर के साथ बारां स्थित मौके पर पहुंचे । यहाँ से महिला को एम्बुलेंस द्वारा कोटा स्थित अपना घर आश्रम लेकर पहुँचे और डॉक्टरी चेकअप के बाद उसका उपचार शुरू करवाया। जैन ने बताया कि निरन्तर साढ़े पांच माह चले उपचार एवं देखभाल के चलते विमंदित महिला ठीक होने लगी। उसने अपना नाम सरस्वती बताया और निवासी बाराँ जिला स्थित परानिया गांव बताया तथा घर में भाई निर्मल बंगाली का होना भी उसने बताया।
सरस्वती ने बताया कि उसके साथ उसकी १२ वर्षीय पुत्री पार्वती भी थी। जनता टाकीज के पास कुछ लोगों ने उसे नशीला पदार्थ सुंघा दिया और उसकी पुत्री को उठाकर ले गए। उसके बाद से ही वह अपना होशोहवास खो बैठी।
सेवासाथी रुबीना ने बताया कि सरस्वती को रविवार को एम्बुलेंस द्वारा परिजनों के पास परानिया ले जाया गया। वहाँ परिवारजनों ने सरस्वती को पहचान लिया। सरस्वती ने यह भी बताया कि उसके बैंक खाते में 35 हजार रुपए जमा हैं। भाई निर्मल बंगाली ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व बिना बताए सरस्वती अपनी 12 वर्षीय पुत्री के साथ कहीं निकल गई थी। काफ ी ढूंढा लेकिन वह उसे खोज नहीं पाए। आज मिली तो घर वालों की आंखों में खुशी के आंसू झलक पड़े।
सजा दिलाएंगे अपहर्ताओं को
सरस्वती के परिजन मिलने की जानकारी जब पाश्र्वनाथ मानव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष उर्मिला जैन भाया को मिली तो उन्होंने इस कार्य की खुशी जताई। उन्होंने कहा कि हमारी सफलता तब है जब सरस्वती की पुत्री पार्वती को खोज निकालेंगे और अपहर्ताओं को सजा दिलवाने में कामयाब होंगे।
(पत्रिका संवाददाता)

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