गरीब अब भी खुली छत के नीचे रहने को हैं मजबूर गरीब लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई गई है, इसके तहत लोगों को पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी मदद दी जाती है। योजना की राशि उनके खातों में सीधे दी जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि सालों बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे गरीब मौजूद हैं, जिनके पास रहने के लिए छत नहीं है, ऐसे गरीब इस योजना से भी मरहूम हैं।
दिनोंदिन कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा कई लोगों को आवास योजना के तहत पहली व दूसरी किस्त तो भी मिल गई है, लेकिन अगली किश्त अधर में लटकी है, ऐसे में अधूरे पड़े मकान महिनों से छत का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपने खर्च पर उधार लेकर निर्माण पूरा करा लिए हैं, लेकिन अब कर्ज का बोझ उन पर बढ़ता जा रहा है। हितग्राहियों के अनुसार उन्हें तीसरी व चौथी किस्त के पैसे नहीं मिले हैं, जिस वजह से अब तक मकान अधूरा पड़ा है। जब भी नगर पालिका जाते है तो अधिकारी यह कहते है कि अभी पैसे नहीं हैं, आएंगे तो डल जाएंगे। ऐसे में वे पिछले पांच-छह माह से लोग अपने सपनों के आशियाने के लिए भटकने को मजबूर हैं।
18 को तीसरी व 15 को चौथी किस्त का इंतजार पालिका क्षेत्र में आवास स्वीकृत होने के बाद लाभार्थियों ने मकान का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया और जैसे-तैसे कुछ लाभार्थियों ने स्वयं के स्तर पर छत भी ड़लवा ली, ङ्क्षकतु ऐसे 18 लाभार्थियों को लगभग डेढ-दो माह से तीसरी किस्त का इंजतार हैं। वही, 15 लाभार्थियों को चौथी किस्त का इंतजार हैं। वहीं, छत डलने के बाद तीसरी किस्त के रूप से 60 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं, प्लास्टर होने के बाद चौथी किस्त के रूप में 30 हजार रुपए दिए जाते हैं। नगर पालिका के ईओ महेन्द्र ङ्क्षसह चारण ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के थर्ड पार्टी निरीक्षण के लिए लैटर जारी कर दिया है और बजट के लिए मांग पत्र भी भेज रखा है। बजट आने पर शीघ्र लाभार्थियों के खातों में भुगतान कर दिया जाएगा।
सिर पर छत के सपने ने बनाया कर्जदार योजना के तहत कई लाभार्थी ऐसे हैं जिनके आवास स्वीकृत के बाद पहली व दूसरी आने के बाद तीसरी व चौथी किश्त नहीं आयी तो कर्ज लेकर उन्होंने अपना घर बनवा लिया और सोचा कि जब किस्त का पैसा आएगा तो कर्ज चुका देंगे। लेकिन पिछले तीसरी व चौथी किस्त के इंतजार ने उन्हें अब कर्जदार बना दिया। ऐसे में यह कंगाली में आटा गीला वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है।