उन्हें कमाई की आस, इधर लोग बदहवास
कई सालों से अनुपयोगी पड़े प्लॉट लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनके अंदर फैली गंदगी के कारण वहां से निकलते राहगीर
क्षतिग्रस्त भवन व खाली भूखंडो से परेशानी
गंदगी के ढेरों के बीच कर रहे बसर
अन्ता. कस्बे में क्षतिग्रस्त मकानों सहित कई सालों से अनुपयोगी पड़े प्लॉट लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनके अंदर फैली गंदगी के कारण वहां से निकलते राहगीर बदबू से बेहाल हो जाते हैं। वहीं गंदगी से आसपास के इलाके में बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। खासी परेशानी तो उन प्लॉटों से है, जिनमें बारिश का पानी जमा होने के बाद उसका निकास नहीं हो पाता। ऐसे में लम्बे समय तक पानी जमा रहने से मच्छर पनपने के अलावा आसपास के मकान मालिक उनके घरों में नमी की समस्या से परेशान रहते हैं। यहां बनी कई कॉलोनियों में दर्जनों लोगों ने लाभ कमाकर बेचने की दृष्टि से प्लॉट खरीद लिए। उनमें से कई अनबिके पड़े हैं। वहीं कस्बेे में कई मकान क्षतिग्रस्त अवस्था के कारण कस्बे की सुंदरता को प्रभावित करने के साथ ही जन जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं। इनमें सरकारी भवन भी शामिल हैं।
& शीघ्र ही ऐसे क्षतिग्रस्त मकान एवं प्लॉट के मालिकों को चिन्हित कर साफ-सफाई कराने के नोटिस दिए जाएंगे। नोटिस के बाद निर्धारित समय सीमा के भीतर स्थिति में सुधार न किए जाने पर कानूनी कार्यवाही होगी। इसके लिए नगरपालिका की ओर से जल्द ऐसे मकान, भवन व खाली भूखंड़ों को चिन्हित किया जाएगा।
हेमेन्द्र कुमार, ईओ नगरपालिका
सरकारी भवन बना कबाड़
यहां के गौसाई पाड़ा में राजस्व विभाग का एक भवन कई सालों से जीर्णशीर्ण अवस्था में होने के साथ ही उसका मलबा आम रास्ते तक फैल रहा है। ऐसे में इस कबाड़ मकान का उपयोग सुविधाघर के अलावा कचरा पात्र के रूप में किया जाता है। इसके अंदर उगे झाड़-झंखाड़ के बीच स्मैकची आकर अपना शौक पूरा करते हैं।
नहीं हो रही पासबुक में लेन-देन की एंट्री
गऊघाट. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा सकतपुर में गत छह माह से खाताधारकों के खाते की पासबुकों मे इंद्राज नहीं करने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सकतपुर निवासी धनराज गौतम ने बताया कि यहां बैंक मे केशियर द्वारा ग्रामीणो के लेनदेन की जानकारी को पासबुक में दन्द्राज नहीं किया जाता। इस बारे में बैंक के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
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