इंतजार में सूख रहे कंठ
जिले के दर्जनों गांवों को शुद्ध एवं पर्याप्त पानी मुहैया कराने के लिए स्वीकृत पेयजल योजनाओं के काम की कछुआ
बारां।जिले के दर्जनों गांवों को शुद्ध एवं पर्याप्त पानी मुहैया कराने के लिए स्वीकृत पेयजल योजनाओं के काम की कछुआ चाल के चलते अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सम्बंधित गांवों-कस्बों के बाशिंदों को न शुद्ध पानी मिल रहा न पर्याप्त। अन्ता-नागदा-बलदेवपुरा पेयजल योजना का काम पूरा करने की अवधि निकले अरसा हो गया, इसके बावजूद काम पूरा नहीं हुआ। यही हाल बारां-मांगरोल क्षेत्र की सांयगढ़ पेयजल योजना का है। इसका भी काम पूरा नहीं हुआ है।
ग्रामीणों का बढ़ता इंतजार
अन्ता-नागदा-बलदेवपुरा पेयजल योजना के लिए 78.98 करोड़ राशि की स्वीकृति के विपरीत सितम्बर 2012 में 57.64 करोड़ राशि का कार्यादेश जारी हुआ था। इस पेयजल योजना के अन्तर्गत 42 गांव, 8 मजरों के साथ अन्ता कस्बे को पेयजल समस्या से निजात मिलनी है योजना के तहत पेयजल टंकियां, इंटैक वैल, फिल्टर प्लांट, पाइप लाइन, सार्वजनिक नल लगाने जैसे कई काम शामिल हैं। अन्ता क्षेत्र के इस योजना में शामिल कई गांव फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या से ग्रस्त हैं। योजना में देरी इन गांवों के बाशिंदों को शुद्ध पानी पहुंचाने में रोड़ा साबित हो रही है।
यहां भी देरी
सांयगढ़ पेयजल योजना अन्तर्गत लाभांवित होने वाले गांवों की संख्या 50 एवं मजरों की संख्या 16 हैं। योजनाओं के तहत एक दर्जन से अधिक पेयजल टंकियां, इंटैक वैल, फिल्टर प्लांट, पम्प हाउस, पाइप लाइन जैसे कई काम शामिल हैं। कोयला क्षेत्र के कई गांवों में अभी जलसंकट के हालात बनते हैं। काम समय पर पूरा होता तो कभी का यहां जलसंकट दूर हो जाता। 69 करोड़ की योजना के तहत कार्यादेश जारी 46.80 करोड़ के, अगस्त 2013 में कार्यादेश होने के बाद शुरू हुआ 2015 में काम पूरा होना था।
कई को राहत, कई परेशान
बारां शहर में 31 करोड़ की पेयजल योजना का काम पूरा होने के बावजूद कई इलाके वंचित हैं। शहर के पेयजल तंत्र का विस्तार करने के लिए पूर्व में प्रस्ताव भी भेजे गए थे लेकिन ठंडे बस्ते में गए। अब अमृत योजना में विस्तार होने को लेकर लोग टकटकी लगाए हुए हैं। बारां नगरपरिषद की सीमा में 11 गांव शामिल किए गए लेकिन इनके पेयजल तंत्र को लेकर बनाई गई योजनाएं भी ठंडे बस्ते में चली गई। पिछले कई वर्षों से इन गांवों के बाशिंदें पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। बारां के समीप गोद्यापुरा गांव में लोगों को निजी नलकूपों से घरों तक पानी लाना पड़ रहा है। इन नलकूपों का पानी भी पीने योग्य नहीं होने से लोगों को यहां-वहां से जुगाड़ करना पड़ता है।
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