बरेली में आईएएस के दांव ने कर दी दिग्गज नेताओं की पकड़ ढीली यूपी के एक आईएएस ने बरेली लोकसभा के टिकट के लिए भाजपा से लामबंदी शुरू कर दी है। भाजपा के शीर्ष नेताओं से आईएएस की मुलाकात हो गई है। भाजपा हाईकमान अगर हरी झंडी देता है तो आईएएस नौकरशाही का चोला उतारकर खद्दर पहनने की तैयारी में है। आईएएस का बरेली से खास नाता है। बरेली लोकसभा आईएएस की जन्मभूमि है। वहीं भाजपा के दिग्गज और आठ बार के सांसद संतोष गंगवार के टिकट पर अभी तक पार्टी हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। संतोष गंगवार कुर्मी बिरादरी समेत बरेली की राजनीति के सर्वमान्य नेता हैं। सरल, मृदुभाषी और निर्विवाद छवि है। इसके बावजूद उनका टिकट फाइनल न होने से समर्थकों में खासी मायूसी है। उनके टिकट के विकल्प के तौर पर कई नामों की चर्चा हो चुकी है। बरेली में भाजपा का टिकट फाइनल होने के बाद सपा अपनी रणनीति और टिकट दोनों बदल सकती है।
पीलीभीत से जितिन, बदायूं में मौर्या या मां बेटे टिकट की कतार में पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का नाम पीलीभीत में भाजपा से टिकट पाने वालों में सबसे ऊपर है। पार्टी अगर वहां जितिन को टिकट देगी तो संतोष गंगवार, छत्रपाल को बरेली से लड़ाया जा सकता है। पीलीभीत में छत्रपाल को टिकट मिलता है तो बरेली से उमेश गौतम को चुनावी समर में उतारा जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और भाजपा केा एक कद्दावर मौर्या नेता को बदायूं से शिवपाल यादव के खिलाफ टिकट देने की बात चल रही है। शुक्रवार देर रात तक सभी टिकट फाइनल हो जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में मंथन चल रहा है।