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बरेली

बुनकर, कारीगर और उनके बच्चों को केंद्र सरकार से मिलेगा ये तोहफा, भरपूर लाभ उठाएं…

केंद्र सरकार ने बुनकर, कारीगर और उनके बच्चों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें शिक्षित करने का फैसला किया है।

बरेलीFeb 02, 2018 / 12:04 pm

suchita mishra

Weaver

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बरेली। केंद्र सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में गरीबों के हित में तमाम योजनाओं की घोषणा के बाद सरकार ने उन्हें एक अन्य तोहफा देने का ऐलान किया है। बुनकर, कारीगर और उनके बच्चों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार ने इनको शिक्षित करने के फैसला किया है। इसके लिए इन्हें इग्नू और नेशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूलिंग के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। मौजूदा समय मे करीब 83 प्रतिशत हैंडलूम कारीगर हाई स्कूल पास भी नहीं हैं। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। इन कारीगरों को एडवांस बनाने के लिए सरकार ने यह पहल की है।
75 प्रतिशत फीस सरकार देगी
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि बुनकरों, कारीगरों व उनके बच्चों के सशक्तीकरण के लिए सरकार ने इग्नू एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ ओपन स्कूलिंग के साथ समझौता किया है। ये संस्थाएं हैण्डलूम बुनकरों, हस्तशिल्पी कारीगरों व उनके परिवार के बच्चों को ओपन स्कूलिंग एवं डिस्टेन्स शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि भारत सरकार इस वर्ग के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बीपीएल श्रेणी एवं महिलाओं को फीस की 75 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराएगी।
सरकार की योजना का लाभ लें
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि लगभग 83 प्रतिशत हैन्डलूम कारीगर हाईस्कूल से कम शिक्षित हैं। सरकार बुनकरों व हस्तशिल्पी कारीगरों को एडवांस बनाने व उनके विकास के लिए दूरस्थ शिक्षा से जोड़ रही है। उन्होंने सभी बुनकरों व हस्तशिल्पियों से अपील की है कि वो सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं और अपने व परिवार का कॅरियर अच्छा बनाएं।
लाखों लोगों को होगा फायदा
आपको बता दें कि बरेली में करीब 6 लाख जरी कारीगर हैं जिनमें ढाई लाख महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ ही 10 हजार लोग मांझा व फर्नीचर कारोबार से जुड़े हैं। इनमें से ज्यादातर लोग हाई स्कूल से भी कम पढ़े लिखे हैं। सरकार की इस पहल से अब इन परिवारों को दूरस्थ माध्यम से शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी और शिक्षित होकर इन कारीगरों के जीवन मे सुधार आएगा।
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