आतंकी निशाने पर क्यों हैं ये धार्मिक स्थल, जानिए चौंकाने वाला कारण जिले का रहा है आतंकी कनेक्शन 2015 में मेरठ से गिरफ्तार हुआ पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का एजेंट परवेज उर्फ एजाज लंबे समय तक प्रेमनगर इलाके के शाहबाद मोहल्ले में रहा और उसने यहां पर वीडियो ग्राफी का काम कर सेना के कई महत्त्वपूर्ण ठिकानों की रेकी की थी। गिरफ्तारी के बाद उसके पास से तमाम फोटो भी बरामद हुए थे। इसके पहले भी आतंकी कनेक्शन के चलते बरेली में धरपकड़ हो चुकी है। बंगलुरु में हुए बिस्फोट में शीशगढ़ के जाफरपुर के रहने वाले इरफ़ान बंजारा का नाम सामने आया था और वो कर्नाटक से गिरफ्तार हुआ। रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का एक आरोपी बहेड़ी का रहने वाला है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वो जेल में बन्द हैं। इसके साथ ही बहेड़ी के जोखनपुर का रहने वाला अब्दुल खालिद का नाम कानपुर ब्लास्ट में आया था।
रमेश भी आया था बरेली अभी हाल में ही उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार हुआ आईएसआई एजेंट रमेश सिंह ने बरेली की भी रैकी की थी। गिरफ्तारी के बाद एटीएस उसे बरेली लेकर भी आई थी। एजाज की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई का लिंक बरेली से टूट गया था जिसके कारण रमेश को बरेली भेजा गया था और उसने यहां तीन महीने रुक कर विभिन्न स्थानों की रैकी की थी।
सेंट्रल जेल में बन्द हैं कई आरोपी बरेली की सेंट्रल जेल में भी कई आतंकी बन्द हैं। रामपुर सीआरपीएफ कैंप के हमले के आरोपियों को सेंट्रल जेल में कड़ी सुरक्षा व्यस्वथा के बीच रखा गया है। जिसमें एक आतंकी फईम अंसारी का नाम तो मुम्बई हमले में भी आया है। फईम पर आरोप है कि उसने मुम्बई में घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों को नक्शे उपलब्ध कराए थे। फईम के साथ ही सीआरपीएफ कैंप पर हमले के आरोपी गुलाब खान, कौशर ,जंगबहादुर और मोहम्मद शरीफ बरेली की सेंट्रल जेल में ही बन्द हैं।