बरेली से केन्द्रीय मंत्री मैदान में बरेली लोकसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को चुनाव मैदान में उतारा है। संतोष गंगवार बरेली से आठ बार चुनाव लड़े हैं और उन्होंने सात बार बरेली लोकसभा सीट पर अपना कब्जा जमाया है। संतोष गंगवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह एरन और सपा के पूर्व मंत्री भगवतशरण गंगवार से टक्कर मिल रही है। भगवत भी नवाबगंज विधानसभा से पांच बार विधायक चुने जा चुके है ऐसे में इस सीट पर रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
वरुण गांधी एक बार फिर मैदान में पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा ने वरुण गांधी को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। वरुण गांधी ने अपना पहला चुनाव 2009 में पीलीभीत लोकसभा सीट से ही लड़ा था और चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। 2014 के चुनाव में वरुण गांधी सुलतानपुर से चुनाव लड़ कर जीते थे जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से जीती थी। वरुण गांधी और उनकी मां ने इस चुनाव में सीट की अदला बदली कर ली है और वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव मैदान में उतरे हैं। वरुण गांधी का सीधा मुकाबला गठबंधन के सपा प्रत्याशी हेमराज वर्मा से है।
बदायूं में दिग्गज प्रत्याशी मंडल की सबसे वीआईपी सीट बदायूं में इस बार तीन बड़े नेता चुनाव मैदान में है। बदायूं लोकसभा सीट से पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव जीते थे और इस बार फिर समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। धर्मेंद्र यादव 2009 में भी इस सीट से जीते थे। इसके अलावा कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी भी मैदान में है। सलीम शेरवानी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक है और बदायूं से पांच बार सांसद चुने जा चुके है। भाजपा ने यहाँ से स्वामी प्रासद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
आंवला में भी जोरदार मुकाबला आंवला में भी इस बार जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा ने यहाँ से मौजूदा सांसद धर्मेंद्र कश्यप को चुनाव मैदान में उतारा है। धर्मेंद्र कश्यप का मुकाबला आंवला के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सर्वराज सिंह और बसपा की रूचि वीरा से है। सर्वराज सिंह आंवला सीट को तीन बार जीत चुके है और इस बार वो सपा छोड़ कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं