कई घटनाओं का दिया हवाला
ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी ने कठुआ, उन्नाव, सूरत, मथुरा एक्सप्रेसवे और बुलंदशहर में हुई रेप की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से यही साबित होता है कि देश में आपराधिक गतिविधियों का बोलबाला है। रजा एक्शन कमेटी का कहना है कि इन गुंडे मवालियों को केंद्र और प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है। जिस तरह से खाकी और खादी मिलकर आरोपियों का सहयोग कर रहे हैं। इससे संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और भारत मे भय का माहौल पैदा हो गया है। ऐसी घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए कम है।
ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी ने कठुआ, उन्नाव, सूरत, मथुरा एक्सप्रेसवे और बुलंदशहर में हुई रेप की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से यही साबित होता है कि देश में आपराधिक गतिविधियों का बोलबाला है। रजा एक्शन कमेटी का कहना है कि इन गुंडे मवालियों को केंद्र और प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है। जिस तरह से खाकी और खादी मिलकर आरोपियों का सहयोग कर रहे हैं। इससे संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और भारत मे भय का माहौल पैदा हो गया है। ऐसी घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए कम है।
ये रखी मांग
रज़ा एक्शन कमेटी ने कहा कि इन घटनाओं पर केंद्र और राज्य सरकार गंभीरता से विचार करें। इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को फांसी की सजा दी जाए ताकि इन घटनाओं पर विराम लग सके। जिससे देश की बच्चियों व महिलाएं सर उठाकर जी सकें और सुरक्षित रह सके।
रज़ा एक्शन कमेटी ने कहा कि इन घटनाओं पर केंद्र और राज्य सरकार गंभीरता से विचार करें। इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को फांसी की सजा दी जाए ताकि इन घटनाओं पर विराम लग सके। जिससे देश की बच्चियों व महिलाएं सर उठाकर जी सकें और सुरक्षित रह सके।
स्वाति मालीवाल का भी समर्थन
रज़ा एक्शन कमेटी ने स्वाति मालीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष इन सारी घटनाओं को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं। संस्था ने मांग की है कि केंद्र सरकार स्वाति मालीवाल से बात करे और उनकी जायज मांगों को पूरा किया जाए। उनके अनशन को समाप्त कराया जाए। इसके साथ मांग की गई कि इस तरह की घटनाओं की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए जिससे पीड़ित को जल्द न्याय मिले।
रज़ा एक्शन कमेटी ने स्वाति मालीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष इन सारी घटनाओं को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं। संस्था ने मांग की है कि केंद्र सरकार स्वाति मालीवाल से बात करे और उनकी जायज मांगों को पूरा किया जाए। उनके अनशन को समाप्त कराया जाए। इसके साथ मांग की गई कि इस तरह की घटनाओं की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए जिससे पीड़ित को जल्द न्याय मिले।