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रिद्धिमा में दी गई रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि, नृत्य कला के अदभुत प्रदर्शन से रोमांचित हो उठे लोग

एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार (19 मई 24) की शाम कथक के विद्यार्थियों ने रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की। “अनुभूति” में टैगोर की रचनाओं पर अपनी नृत्य कला का अदभुत प्रदर्शन कर उन्हें याद किया।

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नृत्य कर प्रस्तुति देतीं छात्राएं।

बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार (19 मई 24) की शाम कथक के विद्यार्थियों ने रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की। “अनुभूति” में टैगोर की रचनाओं पर अपनी नृत्य कला का अदभुत प्रदर्शन कर उन्हें याद किया। शानदार नृत्य और अभिनय देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे।

प्रोथोमो आति तोबा शक्ति से कार्यक्रम का शुभारंभ
टैगोरी की रचना प्रोथोमो आति तोबा शक्ति से कार्यक्रम का आरंभ हुआ। जिसे कथक गुरु देबाज्योति नस्कर, रियाश्री चटर्जी और कथक के विद्यार्थी गौरिका, अवियाना, श्रद्धा, नायरा, वानी, संस्कृति, नितारा, लघिमा, गौर्वी, वैदेही, रित्विका, अहाना, अभया, समीक्षा, हितिका, आराध्या जैन, करुण्या, अभिश्री, नित्या अग्रवाल, आराध्या जोशी, खुशी, नित्या जैन, आस्था, दीक्षा, क्षमा अग्रवाल ने अपने भावों से प्रदर्शित किया। कथक के विद्यार्थियों ने 'दुई हाते कलेर मोंदिरा', 'सोखी भोलोना काहारे बोले', 'फूले फूले ढोले ढोले', 'सुनाला सुनाला बालिका', 'मोर बीना ओथे कोन सुने बाजे' और 'झोरो रोंजर झूरना' जैसी रचनाओं पर अपनी प्रतिभा दिखाई।

'सुंदरी राधे ओये बनी' पर हुआ कथक
'गहाना गुसुमा कुंजा माझे' पर कथक के विद्यार्थियों को गुरु देबाज्योति नस्कर का और 'प्रोचोंडो गोरजोने' पर देबाज्योति के साथ अंशू शर्मा का साथ मिला। टैगोर की रचना 'सुंदरी राधे ओये बनी' पर कथक के विद्यार्थियों का साथ गुरु रियाश्री चटर्जी ने दिया। इस मौके पर एडीएम सिटी सौरभ दुबे, न्यायाधीश अलका दुबे, एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के संभ्रांत लोग मौजूद रहे।


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