बरेली के स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रेक्टिस करने वाले क्रिकेटर दिनेश कुमार ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी ने परेशानियों के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। उनका सपना क्रिकेटर बनने का था जिसके लिए उन्होंने रेलवे की नौकरी भी छोड़ दी। अपने पिता की नाराजगी के बाद भी क्रिकेट खेलते रहे और अपनी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।
वहीं स्टेडियम में क्रिकेट की प्रेक्टिस कराने वाले उप क्रीड़ा अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि धोनी बनने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत है और आपकी निगाह टार्गेट पर हो और आप ईमानदारी से अपने लक्ष्य को हासिल करें। यही धोनी ने किया। उन्होंने ये मुकाम हासिल करने के लिए कभी हिम्मत नहीं हारी जिसकी बदौलत वो अपना लक्ष्य हासिल कर पाए।
वहीं युवा क्रिकेटर जयंत शर्मा का कहना है कि धोनी बनने के लिए कठिन परिश्रम और लगन की जरूरत है। अगर आप ईमानदारी से अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं तो आपको मंजिल जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि वो यूट्यूब पर धोनी के वीडियो देखकर भी सीख रहे हैं।
एक अन्य क्रिकेटर निखिल का कहना है कि धोनी बनने के लिए दिमागी रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है क्योंकि आपके रास्ते मे कई बार परेशानियां आती हैं। जब आप दिमागी रूप से मजबूत होंगे तो इन परेशानियों से पार पा सकते हो जैसे धोनी ने किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धोनी बनने के लिए कड़ी मेहनत और लक्ष्य पर नजर होनी बहुत जरूरी है।